चमक दमक की चाहत पैदा करती हैं महारानी
२५ जून २०१५महारानी एलिजाबेथ की जर्मनी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ब्रिटेन की सरकार यूरोपीय संघ की सदस्यता पर जनमत संग्रह कराना चाहती है जबकि बेलआउट कर्ज की नई खेप पर ग्रीस की सरकार और यूरोपीय संघ एक दूसरे से भिड़े हैं और ग्रीस के यूरोजोन से बाहर निकलने का खतरा गंभीर होता जा रहा है. जर्मन मीडिया में टीकाकारों ने इस पर जोर दिया है कि महारानी की भूमिका राजनैतिक नहीं है, लेकिन साथ ही यात्रा का राजनैतिक महत्व भी है.
कारोबारी दैनिक हांडेल्सब्लाट ने लिखा है, "महारानी के हर संकेत, हर शब्द के जर्मनी, ब्रिटेन और यूरोप के लिए मायने हैं. यह अराजनैतिक की राजनीति है." जर्मनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले दैनिक बिल्ड ने महारानी एलिजाबेथ को ब्रिटेन की कूटनीति का सबसे गोपनीय हथियार बताया है. अखबार ने कहा है कि उनकी यात्रा यह बताने के लिए है कि ब्रिटेन के बिना यूरोप कितना गरीब होगा.
दैनिक ओसनाब्रुर साइटुंग ने लिखा है, "दरअसल यह दौरा ब्रिटेन की सरकार के निर्देश पर हो रहा है. प्रधानमंत्री डेविड कैमरन यूरोपीय संघ की नई खोज करना चाहते हैं. उन्हें अंगेला मैर्केल के समर्थन की उम्मीद है और महारानी के साये में वे भी यात्रा कर रहे हैं."
रावेंसबुर्ग के दैनिक श्वेबिशे साइटुंग ने सवाल पूछा है कि महारानी एलिजाबेथ जर्मनी के लिए इतनी अहम क्यों हैं? अखबार लिखता है, "एक संभव जवाब है कि हम तेजी से बदलती दुनिया में बड़े आदर्शों, स्थिरता के प्रतीकों और निरंतरता का सपना देखते हैं. महारानी ऐसी एक आदरणीय शख्सियत है."
बर्लिन के दैनिक टागेस्श्पीगेल ने लिखा है, "यदि इन दिनों हर दफ्तर में, हर कैंटीन में महारानी के रंग बिरंगे कपड़ों, 150 बक्सों और होटल आडलॉन में हर रात 15,000 यूरो वाले सुइट के बारे में बात हो रही है तो इसका प्रजा होने की भावना या राजनैतिक हिस्सेदारी से बचने से कोई लेना देना नहीं है. इंग्लैंड की महारानी जर्मनी के बोरिंग रोजमर्रे में मुख्य रूप से कुछ चमक दमक की चाहत पैदा करती हैं."
एमजे/आरआर (डीपीए, एएफपी)