चतुर जानवर
हाल ही में साबित हो गया है कि कौवों में एक साल के बच्चे जितनी बुद्धि होती है और इसी कारण वह सचमुच पानी पीने के लिए घड़े में पत्थर डाल कर पानी का स्तर ऊंचा कर सकते हैं. देखें और क्या क्या कर सकते हैं चतुर जानवर.
पंखों वाला गुणी
अफ्रीका के भूरे तोते में अद्भुत ज्ञान होता है. एलेक्स नाम का तोता रंगों, 50 आकारों और छह तक की गिनती को समझ लेता है. मरने से एक रात पहले तोते से उसके मालिक ने कहा, "मैं तुम्हें प्यार करता हूं". जवाब मिला, "मैं भी."
चतुर जीव
डॉल्फिन को सबसे चतुर समुद्री जीव माना जाता है. वे सामाजिक भी होती हैं और आपस में क्लिक और सीटियों वाली भाषा में संवाद करती हैं. मां सालों तक अपने बच्चों के साथ रहती हैं और उन्हें जरूरी बातें सिखाती हैं.
सीखा बर्ताव
इंसान का सबसे अच्छा दोस्त धरती का सबसे चतुर जानवर भी है. बैठो और घूम जाओ जैसे आदेश सीखने वाला कुत्ता इशारों को समझकर खाना खोज सकता है. इंसानों में भी दूसरों को समझने का ऐसा ही गुण होता है.
धीमी चाल
गालापागोस कछुए बहुत धीमा चलते हैं, लेकिन होते बड़े चालाक हैं. वे इंसान की आवाज पहचान सकते हैं और समय याद रख सकते हैं. लेकिन कड़ी पीठ वाले ये जानवर लुप्त हो रहे हैं. उब उन्हें बचाने की कोशिश हो रही है.
रचनात्मक दिमाग
कई तरह के करतब सीखने के अलावा वे सोच भी सकते हैं. अमेरिका का एक घोड़ा चोला मुंह में ब्रश लेकर अपने मन से पेंटिंग करता है. उसकी पेंटिग वेनिस की आर्ट गैलरी और रोम के पलात्सो डी कांग्रेसी में दिखाई जा चुकी है.
तर्क से काम
समुद्री सील संगत तरीके से सोच सकती हैं. कैलिफोर्निया में रहने वाले सील रियो को विज्ञानियों ने पहले केंकड़े और ट्युलिप की और फिर एक ट्युलिप और रेडियो की तस्वीर दिखाई. वह केंकड़े और रेडियो को ट्युलिप से अलग कर पाई.
अच्छी याददाश्त
कुत्तों की तरह बिल्लियों को भी बैठना, कूदना या चक्कर खाना सिखाया जा सकता है. वे देखकर या नकल कर सीखती हैं. बिल्लियां कुत्तों की तुलना में ज्यादा अकेली होती हैं लेकिन उनकी याददाश्त बहुत ही तेज होती है.
तेज सीख
सुअर बहुत ही जल्दी सीखते हैं. 1990 के दशक में हुए परीक्षणों में सुअरों को जाने पहचाने और अनजाने अक्षर को पहचानने के लिए वीडियो स्क्रीन पर कर्सर घुमाना सिखाया गया. उन्होंने चिंपाजी जितनी तेजी से इसे सीख लिया.
करीबी रिश्तेदार
चिंपाजियों की अकलमंदी पता है. वे इंसानों के सबसे करीबी रूप से जुड़े जानवर हैं. दोनों के जीनों में 98 फीसदी समानता है. वे हथियार बना सकते हैं, चेहरों को पहचान सकते हैं, मुश्किल समस्याओं का हल कर सकते हैं.
बाबा पॉल
ऑक्टोपस की कई प्रजातियां हैं, लेकिन उनमें एक समानता है. वे शिशुओं जैसे बुद्धिमान होते हैं. 2010 में विश्वकप मैचों की भविष्यवाणी करने वाले पॉल बाबा किसे याद नहीं.
बड़े सपने
उन्हें भले ही नुकसानदेह समझा जाता हो, होते बड़े चतुर हैं. चूहों का इस्तेमाल बारूदी सुरंगों का पता करने और मुश्किलों को सुलझाने के लिए किया जाता है.