चटक रंगों का जादू
फ्रीडर बुरदा ने 40 साल पहले अपनी पहली कलाकृति खरीदी थी. अब उनके पास करीब 1000 कलाकृतियां और अपना खुद का संग्रहालय है. एक विशेष प्रदर्शनी में उनमें से चुनिंदा तस्वीरें दिखाई जा रही हैं.
पर्दे पर तीन कट
रंग और उसकी भावनात्मक अभिव्यक्ति से मोहित होकर फ्रीडर बुरदा ने 40 साल पहले कलाकृतियों का संग्रह करना शुरू किया. प्रकाशक परिवार में जन्मे फ्रीडर को अलग प्रकार की कलाकृतियों से प्यार है. उन्होंने पहली बार 30 साल की उम्र में लूचियो फोंटाना की तस्वीर 'कोंचेटो स्पेत्सियाले' खरीदी.
दिल की आवाज
पिकासो की पहली तस्वीर फ्रीडर बुरदा ने 80 के दशक में खरीदी. प्रसिद्ध स्पेनी कलाकार की उम्र के आखिरी पड़ाव में बनी तस्वीर ने उन्हें अपनी ओर खींचा था. इसकी वजह वे नहीं बता सकते, "संग्राहक के रूप में मैं दिल की आवाज सुनता हूं." यहां पिकासो की पेंटिंग नू कूचे भी देखी जा सकती है.
हरियाली के बीच
बुरदा बाडेन बाडेन शहर में 20वीं और 21वीं सदी की कलाकृतियों का संग्रहालय बनाना चाहते थे. इसका परिणाम दस साल से सरकारी कला संग्रहालय के पास पार्क जैसे लैंडस्केप के बीच खड़ा है. 2004 में इसके उद्घाटन की तरह आज भी वहां बुर्दा के कुछ चुनिंदा कलेक्शन देखे जा सकते हैं.
कला को समर्पित इमारत
न्यू यॉर्क के अपने दोस्त और आर्किटेक्ट रिचर्ड मायर के साथ बुरदा ने म्यूजियम की इमारत बनाई और ख्याल रखा कि उसमें ज्यादा से ज्यादा सूरज की रोशनी आए. शीशे की दीवारों से प्राकृतिक रोशनी कमरों में आती है और कलाकृतियों को जीवंत बनाती है.
बेकमन, किर्षनर और पिकासो
बुरदा एक्सप्रेशनिस्ट कला के साथ पले बढ़े हैं. माक्स बेकमन, ऐर्न्स्ट लुडविष किर्षनर और एमिल नॉल्डे की रचनाएं उनके पारिवारिक घर में टंगी थीं. माक्स बेकमन की तुलना वे पिकासो से करते हैं. उनकी पेंटिंग 'बाडेन बाडेन में खिड़की के बाहर का नजारा' भी प्रदर्शनी में शामिल है.
परिवार से सीखा कलासंग्रह
फ्रीडर बुरदा बाडेन वुर्टेमबर्ग के हैं और प्रिंटिंग तथा प्रकाशन में प्रशिक्षण पाने के बाद उन्होंने अपना जीवन कला की सेवा को सौंप दिया. संग्रह की कला उन्होंने अपने पिता फ्रांत्स बुरदा और मां ऐने बुरदा से सीखी. आज 1000 कलाकृतियों का उनका संग्रह जर्मनी के महत्वपूर्ण निजी संग्रहों में शामिल है.
लकदक रंग और काले धब्बे
गेरहार्ड रिष्टर, जिग्मार पोल्के और आर्नुल्फ राइनर ऐसे कलाकार हैं, जिन्हें बुरदा ने अपने दिल में बसा रखा है. उन्हें खासकर पोल्के की विषयों की बहुलता और कलात्मक अभिव्यक्ति पसंद है. 'अमेरिकी-मेक्सिकन सीमा' नाम की तस्वीर के लिए पोल्के ने अखबार की एक तस्वीर को बड़ा कर दिया था.
आकर्षक मास्क
आर्नुल्फ राइनर के लिए बुरदा का आकर्षण उनकी ग्राफिक रचनाओं के साथ शुरू हुआ. उन दिनों वे एक ऐसे कलाकार की तलाश में थे जिनके स्केचों को वे अपने संग्रह में शामिल करना चाहते थे. राइनर के गैलरी के एक दौरे ने उन्हें आश्वस्त कर दिया. वहां देखे गए मास्कों ने उनकी पीछा नहीं छोड़ा.
श्वेत श्याम या पीला हरा
बुरदा का दावा है कि कोई म्यूजियम एक बार में जितनी दिखा सकता है, उससे ज्यादा उनके पास रिष्टर और पोल्के की पेंटिंग्स हैं. हालांकि रिष्टर की तस्वीरों ने उन्हें पहली बार उतना आकर्षित नहीं किया था. उनकी गेल्बग्रुन नाम की पेंटिंग बुरदा की टेस्ट के लायक है.
जर्मनी की सामयिक कला
लाइपजिग में जन्मे पेंटर नियो राउख मौजूदा समय के अहम कलाकार माने जाते हैं. वे आधुनिक पेंटिंग के लाइपजिग स्कूल के प्रणेता माने जाते हैं. बुरदा म्यूजियम में 26 अक्टूबर तक चलने वाली प्रदर्शनी में उनकी कलाकृति 'इंटरव्यू' भी दिखाई जा रही है.