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घूमने में वर्ल्ड चैम्पियन: जर्मन

१८ जून २०१०

आ गया गर्मियों का मौसम, और हुए सूर्यदेव के दर्शन. जून का महिना है और स्कूलों की भी हैं छुट्टियां. तो कहां जा रहें हैं इन गर्मियों में दुनिया के सबसे घुमक्कड़ लोग?

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गर्मी की छुट्टियों का मजातस्वीर: picture-alliance/ ZB

सत्ताईस डिग्री तापमान, सूरज सर पर है और तनाव मुक्त माहौल. चारों तरफ शांति ही शांति है. सुनाई पड़ रहा है, तो सिर्फ चिड़ियों का चहचहाना. बॉन के ज़ीबनगेबिर्गे नाम के पहाड़ों पर आज लोग घूमने आये हैं. कोई बारबेक्यू कर रहा है, यानी खुली हवा में कुछ भून रहा है, तो कोई अपने पिकनिक वैन में बैठे बातें कर रहा है. नन्ही-सी प्यारी बच्ची हरी हरी घास पर बैठी अपनी गुडिया के साथ खेल रही है. और दूर कहीं से कुत्ते की भौंकने की आवाज़ आ रही है.

Camping mit Zelt und Grill
टेन्ट का मजा कुछ और हीतस्वीर: AP

होटल में क्या है मज़ा!

कातारीना का परिवार भी इस मौसम का लुत्फ़ उठा रहा है. पूरा परिवार दुनिया की बहुत सैर कर चुका है. लेकिन छुट्टियों में जर्मनी के कैम्पिंग स्थानों से बेहतर कुछ भी नहीं लगता, शानदार होटल भी नहीं. "मैं जब कैम्पिंग पर आती हूं, तो कभी घड़ी नहीं पहनती. मेरा जब मन करता है, मैं सोती हूं, जब मन करता है, उठती हूं. खाना बनाने की भी चिंता नहीं होती. बस, जब भूख लगे, तब खा लिया. इस तरह मेरे पास अपने और परिवार के लिए समय ही समय है. मैं यहां वह सब कुछ कर सकती हूं, जो मैं चाहती हूं." कातारीना

अपने लोगों के बीच

लेकिन कैम्पिंग स्पोट पर कुछ कई परेशानियां भी होती हैं. सबके कैम्पिंग वैन और टेंट आस पास ही होते हैं. कुछ देर बाद लोग एक- दूसरे को पहचानने भी लगते हैं. लेकिन हौर्स्ट योज़ोफ़ के लिए भी छुट्टियों का मतलब कुछ और ही है."मुझे लगता है की विदेश में भी लोग छुट्टियां माना सकते हैं और वह भी सस्ते में. लेकिन मैं वहीँ जाता हूं जहां मैं लोगों को समझ सकूं और जहां लोग मुझे समझ सकें. मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती. मैं अपनी छुट्टियों का आनंद ऐसी जगह नहीं उठा सकता जहां मुझे कुछ समझ में ही न आये. जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड, यह तीन देश ही मेरी मंज़िल हैं. स्पेन या फिर कुछ और बिलकुल नहीं." हौर्स्ट योज़ेफ

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घर पर छुट्टी का मजातस्वीर: picture alliance/dpa

मेरी बाल्कनी और मेरी कुर्सी

बॉन शहर के युर्गेन म्युलर घर पर ही अपनी छुट्टियां बिता रहे हैं. वे ऐसे कई लोगों में से एक हैं, जो अपने घर की चार दीवारी में ही रहना पसंद करते हैं. "मैं अपनी छुट्टियां अपनी बाल्कनी में माना रहा हूं. लेकिन मेरा बहुत मन है कि मैं अपनी छुट्टियां मनाने अफ्रीका या फिर दक्षिण यूरोप जाऊं, जहां ज़्यादा गर्मी होती है. मेरे लिए विदेश में छुट्टियां मनाना आसान नहीं है, क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं. यह मेरे बजट से बाहर है." युर्गेन म्युलर

प्रकृति के बीच

घर पर भी छुट्टियां मनाने वालों को मदद और दोस्त दोनों ही मिल जाते हैं. और वो भी अपने ही बागीचे में, या फिर अपनी ही बाल्कनी पर. बॉन शहर की नदी राईन के पास छोटे से एक गावं में. सेब के पेड़ों की छांव तले लाल, गुलाबी, नीले, पीले फूलों की क्यारियां. छोटे छोटे सुदर फूलों की 150 क्यारीयां ऐसी लग रहीं हैं, मानो यह उनका अपना ही स्वर्ग हो. इन्हीं क्यारियों के बीच छुट्टियां मनाने आये हैं टोनी शैफ़र. "प्रकृति के बीच रहना, यह देखना कि कैसे फूल खिलते हैं, कैसे पौधे बड़े होते हैं और कैसे पानी में प्यारी प्यारी मछलियां और मेंढक तैरते हैं. और अगर शाम के समय कोई नन्हा बच्चा मिल जाए, जिसे गुड ईवनिंग कहा जा सके, और जो एक केला पाकर ख़ुशी से कूदने लगे, तो मनो ऐसी जगह पर आकर छुट्टियां मनाने का मकसद पूरा हो गया है और दिल को सुकून मिल गया." टोनी शैफ़र

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प्रकृति की सुन्दरता .तस्वीर: Xiao Xu

अब तो मेरा भी मन कर रहा है छुट्टियों पर जाने का. जहां जर्मनी के लोग घूमने-फिरने के लिए गर्मियों का इंतज़ार करते हैं, वहीँ भारत में गर्मियों के दौरान लोग शिमला और ऊटी जैसे ठंडी ठंडी जगहों पर छुट्टियां मनाने जाते हैं. तो इस बार कहां और कैसे मनाई आपने अपनी छुट्टियां.

रिपोर्ट: जैसू भुल्लर

संपादन: राम यादव