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60 मिनट में तैयार कार

१४ मार्च २०१४

ऐसा दिन जल्द ही आने वाला है कि आप खुद एक घंटे में घर पर ही अपनी कार तैयार कर लें. ओएस वेहिकल नाम की कंपनी ने एक ऐसी ही कार तैयार की है, नाम है टैबी.

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तस्वीर: www.osvehicle.com

टैबी की बॉडी 500 यूरो यानी करीब चालीस हजार रुपये की है और बनाने में बस घंटा भर लगता है. ग्राहक खुद तय करता है कि कार चार सीट की होगी या दो सीट वाली. इंजन भी वही तय करता है और ईंधन भी, यानि इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड.
यह उन लोगों के लिए स्वर्ग है, जिन्हें कारों से मुहब्बत है और जो अपने लिए नए नए प्रयोग करना पसंद करते हैं. लेकिन यह सिर्फ हॉबी ही नहीं, ओएस वेहिकल कंपनी के टैबी को लेकर बड़े सपने हैं. इसे बनाने का तरीका कार निर्माण उद्योग में क्रांति ला सकता है. और क्रांति लाने का काम कोई बड़े इंजीनियर का नहीं, कोई भी कर सकता है. क्योंकि यह एक ओपन सोर्स प्रोजेक्ट है. कंस्ट्रक्शन प्लान इंटरनेट से डाउनलोड किया जा सकता है और हर कोई उसे अपने हिसाब से विकसित कर सकता है. टैबी के मुख्य इंजीनियर कार्लो सावास्तानो कहते हैं, "हम चाहते हैं कि दुनिया के सबसे अच्छे इंजीनियर इस कार की डिजाइन और तकनीक पर काम करें, अपनी बुद्धि लगाएं, अलग अलग लोग एक साथ सोच लगाएं. जिसे भी टैबी का आइडिया पसंद आता है, वह इंटरनेट पर आकर इसे आगे बढ़ा सकता है."

ओपन सोर्स प्रिंसिपल
आईटी सेक्टर में ओपन सोर्स प्रिंसिपल ने बड़ी क्रांति की है और अब इसी आमूलचूल परिवर्तन के इंतजार में कार उद्योग भी है. टैबी इटैलियन डिजाइनर और इंजीनियर आंपेलियो माची ने बनाई है. अब वह ओएस वेहिकल कंपनी के साथ हैं. कार डिजाइन करने वाले माची बताते हैं, "कुछ साल पहले मुझे और मेरे दोस्त फ्रांचिस्को लियू को यह तरकीब सूझी. हम बाजार में कुछ नया लाना चाहते थे. ऐसी गाड़ी, जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए, जो सस्ती हो ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खरीद सकें." अब पूरी टीम मिल के नए लोगों और कंपनियों का इंतजार कर रही है.

कई कार कंपनियां इंटरनेट को ही अपनी प्रयोगशाला बना रही हैं. अमेरिका की लोकल मोटर्स ने इंटरनेट पर एक नई गाड़ी विकसित की है, रैली फाइटर. 2010 में गाड़ी बाजार में आई लेकिन अब तक केवल 60 रैली फाइटर ही बिकी है.

कुछ साल पहले जर्मन डिजाइनर बैर्न्ड मिशालाक ने सी7 तैयार की. टैबी की ही तरह ग्राहक इसे खुद बनाते हैं और इंटरनेट पर बदलाव करते हैं. लेकिन ग्राहक अब भी कम हैं. कुछ 10-12 गाड़ियां ही बिकी हैं. बर्लिन में जब टैबी के बारे में लोगो से पूछा गया तो कुछ को यह आडयिया रोचक लगा तो कुछ ने कहा कि इसकी तो छत भी नहीं है और बाकी सुविधाएं भी नहीं. इससे तो वह उनकी पुरानी कार इस्तेमाल करना ही पसंद करेंगे.

टैबी का वक्त

लेकिन कार उद्योग में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कि टैबी का वक्त जरूर आएगा. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर काम करने वाले इंस्टीट्यूट मोबिले जुकुन्फ्ट के योहानेस हुबनर दलील देते हैं, "टैबी अब इस हद तक पूरी हो चुका है कि मैं पहले ऑर्डर दूंगा ताकि बॉडी घर तक आ जाए. फिर मुझे सोचना होगा कि मैं उस पर क्या लगाऊं, गाड़ी में क्या लगाना चाहिए ताकि मौसम से परेशानी न हो. मैं इसे रोज इस्तेमाल कर सकूं. इंटरनेट की पहुंच को देखते हुए निवेशकों को आना चाहिए. उन्हें सोचना चाहिए कि अगर वह अफ्रीका में हैं तो गाड़ी की बनावट वहां के हिसाब से हो, स्वीडन में गाड़ी बनानी है तो सबसे पहले देखना होगा कि गाड़ी में बैठने वाला ठंड से जम न जाए."

अरबन टैबी वैसे बाजार में आ गई है. इसका दाम है 6,000 यूरो यानि करीब साढ़े पांच लाख रुपये. जल्द ही यह यूरोप की सड़कों पर दिखने लगेगी. टैबी के नए डिजाइन भी तैयार हैं और भविष्य के लिए ये बढ़िया साबित हो सकती है. हुबनर के मुताबिक, "भविष्य के लिए यह दिलचस्प है कि आप अपनी कार खुद बना सकेंगे. क्योंकि अगर मैं एक स्मार्टकार के ढांचे को, या फोल्क्सवागेन के लूपो का ढांचा खरीद सकता हूं और अगर गाड़ी के बाकी पुर्जे मिल जाएं, जिससे मैं बर्फ भी साफ करूं या सामान ला सकूं तो यह किसी भी गाड़ी की अपार क्षमता का संकेत है."

अब तक तो खुद गाड़ी बना कर सड़क पर उतारना सपना है. पर शायद आने वाले समय में यह हकीकत बन जाए.

रिपोर्टः आभा मोंढे

संपादनः ईशा भाटिया