ग्रीक संसद में समर्थन से खुला बेलआउट का रास्ता
१६ जुलाई २०१५ग्रीस में आर्थिक कटौतियां लाने की कर्जदारों की मांग पर संसद का बहुमत जुटाने के बाद स्वयं ग्रीक प्रधानमंत्री सिप्रास का राजनीतिक भविष्य संकट में हैं. यूरोजोन बेलआउट प्लान के एवज में ग्रीस में नए बचत उपायों को मंजूरी मिली. ग्रीक संसद के सदस्यों ने 64 के मुकाबले 229 वोट देकर ग्रीस की सत्ताधारी सीरिजा पार्टी के बिल को पास कर दिया. संसद में पेश हुए आर्थिक कटौतियों के प्रस्ताव पर उन्हें यूरोप-समर्थक विपक्षी दलों से मदद मिली. वहीं पूर्व वित्त मंत्री यानिस वारुफाकिस और संसद प्रमुख जो कॉन्सांटोपूलू जैसे महत्वपूर्ण नेताओं ने प्रस्ताव के विरुद्ध मत डाले.
लंबी बातचीत, असमंजस और तमाम विवादों के बाद तैयार हुई ग्रीस बेलआउट डील के तहत यूरोजोन की सरकारें 86 में से 40 से 50 अरब यूरो का योगदान करेंगी. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक बड़ी राशि उपलब्ध कराएगा और बाकी रकम ग्रीस की सरकारी संपत्ति को बेचकर और वित्त बाजारों से जुटाई जानी है. बेलआउट डील को अंतिम रूप लेने में करीब चार हफ्तों का समय लगने की उम्मीद है.
पार्टी में दरार
संसद में बचत प्रस्ताव पेश किए जाने से ग्रीक प्रधानमंत्री सिप्रास की अपनी सीरिजा पार्टी में गहरी दरारें पड़ गईं हैं. उनके ही कुछ पार्टी सहयोगियों का मानना है कि सिप्रास यूरोजोन के नेताओं की कई गलाघोंटू शर्तों के सामने कमजोर पड़ गए. वहीं सिप्रास ने संसद में मतदान के पहले अपने संदेश में कहा कि यूरोजोन में बने रहने के लिए देश के सामने और कोई विकल्प नहीं बचा था. मतदान के पहले संसद में हुई काफी उत्तेजनापूर्ण बहस में सिप्रास को अतिवामपंथी दलों का भी विरोध झेलना पड़ा.
ग्रीक संसद में मिली मंजूरी से यूरोपीय पार्टनरों के साथ बेलआउट का मार्ग प्रशस्त हुआ है. लेकिन खुद सिप्रास की सरकार और पार्टी में उनके समर्थन का अभाव बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है. खर्च में कटौती के खिलाफ नारों के साथ ही जनवरी में सिप्रास सत्ता में आए थे. ग्रीस के नए वित्त मंत्री यूक्लिड साकालोटोस ने संसद में कहा कि बेलआउट योजना को समर्थन देने का फैसला कुछ ऐसा है जो "जीवन भर मुझ पर बोझ रहेगा".
लोगों में गुस्सा
आम ग्रीक जनता के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री सिप्रास कई ऐसे अलोकप्रिय सुधारों को लेकर संसद में थे, जिनकी मांग देश के अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं ने रखी थी. एथेंस में संसद के बाहर जनता का गुस्सा फूटता रहा और अंदर कार्यवाही चलती रही. इस दौरान भीड़ को काबू में करने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर लोगों ने आग के गोले फेंके. पुलिस ने भीड़ को पीछे धकेलने के लिए उन पर आंसू गैस छोड़ी.
5 जुलाई को ग्रीस की जनता से आर्थिक कटौती के प्रस्तावों पर जनमतसंग्रह कराया गया था, जिसमें बहुमत ने खर्च में कमी लाने के प्रस्तावों को नकारा था. प्रदर्शनकारियों में शामिल एक बेरोजगार व्यक्ति आर्सिनियोस पापास ने कहा, "हमारी सरकार गद्दारों की सरकार है. हमने 'नो' को वोट दिया फिर सिप्रास ने जाकर उससे भी बुरी शर्तें स्वीकार कर लीं. यह पागलपन है."
आरआर/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)