गौरक्षकों के खिलाफ जिहाद की अपील
६ जून २०१७जाकिर मूसा की गौरक्षकों के खिलाफ जिहाद की अपील एक चार मिनट वाले ऑडियो में जारी की गई है. यह पहला मौका है जब किसी कश्मीरी चरमपंथी ने गौरक्षकों के खिलाफ कोई बयान दिया हो. इस ऑडियो क्लिप में मूसा ने गज्वा-ए-हिंद (भारत को जीतने की आखिरी लड़ाई) का हिस्सा नहीं बनने के लिये भारतीय मुसलमानों की आलोचना की है. मूसा ने क्लिप में कहा "भारतीय मुसलमान दुनिया की सबसे बेगैरत कौम है जिन्हें अपने मुसलमान होने पर शर्म आनी चाहिए. हमारी बहनों के साथ बदसलूकी हो रही है और मुसलमान कह रहे हैं कि इस्लाम शांति का प्रतीक है." ऑडियो में हाल-फिलहाल की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मूसा की आवाज की पुष्टि की है. यह ऑडियो क्लिप वॉट्सऐप ग्रुप के जरिये शेयर किया गया है. इसमें कहा गया है कि लड़ाई सिर्फ कश्मीर तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह लड़ाई इस्लाम और काफिरों के बीच है. मोहम्मद पैगंबर का हवाला देते हुए मूसा ने कहा कि "क्या पैगबंर और उनके अनुयायियो ने हमें यही सिखाया है, उन लोगों ने युद्ध में खून बहाया और हमारी बहनों के सम्मान के लिये अपनी जान दी." अपनी बातों के समर्थन में उसने ऐतिहासिक इस्लामी युद्ध जंग-ए-बदर का भी जिक्र किया.
23 वर्षीय जाकिर मूसा को कभी हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी का उत्तराधिकारी माना जाता था जो सेना की कार्रवाई में मारा गया था. पिछले महीने मूसा ने कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताने के लिए अलगाववादी हुर्रियत नेताओं का सिर कलम करने की धमकी दी थी. हिज्बुल ने इस्लामी कश्मीर के मूसा के विचार को समर्थन नहीं दिया और उसके बाद उसने संगठन छोड़ दिया.
मूसा ने मुसलमानों से अपील करते हुये कहा कि गौरक्षकों को इस्लाम और मुस्लिम समुदाय की ताकत दिखानी चाहिए. पिछले सालों में बीफ खाने या गौधन को मारे जाने के लिए ट्रांसपोर्ट करने के संदेह में कई मुसलमान तथाकथित गौरक्षकों के हमलों में मारे गये हैं.