गूगल प्रमुख सुंदर पिचाई की 5 बातें
एल्फाबेट नाम की नई कंपनी की स्थापना कर गूगल ने हमेशा की तरह सबको चौंका दिया. दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियों में एक गूगल अब एल्फाबेट की एक ईकाई होगी और इसके मुखिया होंगे भारतीय मूल के सुंदर पिचाई.
गूगल कंपनी में अलग अलग भूमिकाएं निभाने वाले सुंदर पिचाई को 43 की उम्र में गूगल का सीईओ बनाया गया. मूल रूप से दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से आने वाले पिचाई ने देश के प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षा संस्थान आईआईटी खड़गपुर से बैचलर डिग्री ली.
मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री के लिए पिचाई को अमेरिकी यूनिवर्सिटी स्टैनफोर्ड जाने की छात्रवृत्ति मिली. प्रबंधन के गुर सीखने के लिए पिचाई ने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल का रूख किया.
स्कूल की पढ़ाई के दौरान क्रिकेट खेलना पसंद करने वाले पिचाई अपने स्कूल की हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान रहे. पिचाई की कप्तानी में टीम ने तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट भी जीता था.
2004 में दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियों में एक गूगल में आने से पहले पिचाई मैनुफैक्चरर एप्लाइड मटीरियल्स में बतौर इंजीनियर और कंसल्टिंग फर्म मैकिंजी एंड कंपनी में प्रबंधक की भूमिकाएं निभाई थीं.
पिचाई के विकसित किए गूगल मैप्स और जीमेल ऐप्स भी यूजर्स के बीच बहुत लोकप्रिय हुए. इसके बाद उन्होंने गूगल के सभी एप्लीकेशंस के लिए एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और क्रोम ब्राउजर पर महत्वपूर्ण काम किया.