गुबार के बीच सफल रही टेस्टिंग फ्लाइट्स
१८ अप्रैल २०१०शनिवार को लुफ्थांजा और केएलएम के पायलटों ने यात्रियों के बिना कुछ विमान उड़ाए. आकाश में फैले राख के गुबार के बीच दोनों कंपनियां यह पता लगाना चाह रही थी कि तीन हज़ार मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी जा सकती है या नहीं.
लुफ्थांजा ने म्यूनिख़ से फ्रैंकफर्ट के बीच 10 विमान उड़ाए. ज़्यादातर विमान तीन हज़ार मीटर की ऊंचाई पर उड़े लेकिन कुछ आठ हज़ार मीटर तक भी गए. इन उड़ानों के बाद कंपनी के प्रवक्ता आगे डूयेनहाप्ट ने कहा, ''फ्रैंकफर्ट पहुंचने के बाद सभी विमानों का परीक्षण किया गया. कॉकपिट की खिड़कियों, ईंधन टैंक और इंजन में किसी तरह के नुक़सान की शिकायत नहीं मिली.''
हॉलैंड की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी केएलएम ने दो इंजन वाला एक बोइंग 737-800 विमान 10 से 13 हजा़र मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ाया. यह उड़ान भी सफल रही. केएलएम को उम्मीद है कि रविवार को उसके सात यात्रियों समेत विमान जर्मनी से हॉलैंड की उड़ान भर सकेंगे. केएलएम के मुख्य कार्यकारी पीटर हार्टमान का कहना है, ''उड़ान के दौरान और तकनीकी मुआयने में हमें कुछ भी चौंकाने वाला नहीं मिला. अगर सब कुछ ठीक रहा तो रविवार को जर्मनी से हमारे सात विमान एम्सटर्डम आएंगे.''
इन सफल परीक्षण उड़ानों के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि यूरोप में हवाई सेवाएं रविवार से आंशिक रूप से बहाल हो सकेंगी. लुफ्थांज़ा की कई फ़्लाइट्स रोज़ाना भारत के कई शहरों में आती जाती हैं. ज़्यादातर दोपहर बाद जर्मनी से निकलती हैं. ऐसे में कंपनी को उम्मीद है कि रविवार को उसके एक दो विमान भारत के लिए रवाना हो सकेंगे.
इन ख़बरों से यूरोप के कई हवाई अड्डों में फंसे हज़ारों यात्रियों में भी नई आशा जगी है. तीन दिन से एयरपोर्ट पर ही सोते जागते यात्रियों को उम्मीद है कि सफल परीक्षण उड़ानों के बाद धीरे धीरे हालात सामान्य होने लगेंगे.
फिलहाल यूरोपियन एविएशन एजेंसी यूरोकंट्रोल ने यूरोप के कई देशों में विमानों की आवाजाही न करने की चेतावनी दी है. यूरोकंट्रोल की अपील पर ही शनिवार को लुफ्थांजा और केएलएम ने यह परीक्षण उड़ानें भरी. बेल्जियम और फ्रांस में भी टेस्टिंग फ्लाइट्स के नतीजे सामान्य आए हैं. रविवार को कई अन्य देशों में ऐसी परीक्षण उड़ानें भरी जाएंगी.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे