गुपचुप होगी फीफा की जांच
२० सितम्बर २०१४फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय संघ फीफा के नैतिक मामलों की कमेटी के प्रमुख हंस-योआखिम एकर्ट ने बताया कि इस मामले में अब तक की जांच के बाद करीब दो लाख पन्नों के सबूत और 430 पन्नों की रिपोर्ट उन्हें मिली है. यह रिपोर्ट नैतिकता की जांच करने वाले अमेरिका के पूर्व वकील माइकल गार्शिया ने तैयार की है.
एकर्ट ने बताया कि अक्टूबर के आखिर या नवंबर के पहले हफ्ते तक वह अपना काम पूरा कर लेंगे. उन्होंने बताया कि वह समझते हैं कि यह मामला जल्दी निपटना चाहिए, "हम फिलहाल इस रिपोर्ट पर एक बयान तैयार कर रहे हैं और उसके बाद श्री गार्शिया अपना काम आगे बढ़ा सकते हैं." हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि फैसला लेने में वक्त लग सकता है. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनके पास इस मामले में दोबारा वोटिंग कराने का अधिकार नहीं है.
फीफा ने दिसंबर 2010 में तय किया कि 2018 का वर्ल्ड कप रूस और 2022 का कतर में होगा. हालांकि इसके बाद भारी विवाद शुरू हुआ. इस साल ब्राजील के वर्ल्ड कप से ठीक पहले ब्रिटेन के एक अखबार ने दावा किया कि उसने ऐसे हजारों दस्तावेज देखे हैं, जिनमें फीफा के कार्यकारी सदस्य रह चुके मुहम्मद बिन हम्माम द्वारा कतर की मेजबानी के लिए रिश्वत देने की बात है.
हालांकि एकर्ट का कहना है, "इस रिपोर्ट को सिर्फ चार लोगों ने देखा है. किसी और ने नहीं. फीफा और दूसरे संगठनों ने भी नहीं. आप हम पर भरोसा कर सकते हैं कि हम पेशेवर लोग हैं और रिपोर्ट लीक नहीं हो सकती है." उन्होंने यह भी कहा कि उन पर भारी दबाव पड़ रहा है कि वह खुद इस रिपोर्ट के बारे में बताएं.
उन्होंने कहा, "नैतिकता समिति के सभी सदस्यों पर गोपनीयता बरतने की जिम्मेदारी है और हम इसे मानेंगे. आप मान कर चलिए कि इस रिपोर्ट के बारे में कोई सूचना लीक नहीं होगी." हालांकि उन्होंने कहा कि फैसले के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
एजेए/एमजे (डीपीए)