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गर्मी बढ़ने से किसानों की आफत

५ दिसम्बर २०१५

सारी दुनिया माथा पच्ची कर रही है कि ग्लोबल वॉर्मिंग कैसे रोकें. मौसम के बदलने का असर हर कहीं दिखता है. कहीं गर्मी की वजह से मच्छर होने लगे हैं तो कहीं ठंड की वजह से फसल में कमी. चिली के वाइन निर्माताओं की अलग चिंता है.

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Chile - Land und Leute
तस्वीर: picture alliance / HJS-Sportfotos

मौसम की मार चिली के वाइन निर्माताओं को भी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने सोचा था कि दक्षिण अमेरिका के दक्षिण पश्चिम में बसे चिली की वाइन को चालू वाइन के बदले प्रीमियम वाइन बनाया जाए. लेकिन दुनिया के चौथे सबसे बड़े वाइन निर्यातक के सपनों को मौसम ने चकनाचूर कर दिया है. पश्चिम में प्रशांत महासागर और पूरब में आंडेस पहाड़ों से घिरे चिली के अंगूर के खेत भूमध्यसागरीय मौसम में लहलहाते रहे हैं. यहां गर्म दिन का संगम सर्द रातों और आराम देने वाली बयारों से होता है. चिली की प्रसिद्ध वाइनों के अंगूर अब मौसम की मार नहीं झेल पा रहे हैं.

इलाके में औसत तापमान बढ़ रहा है और बारिश बिरले हो गए हैं. बदलाव का सामना करने के लिए किसान नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, या खेतों को दक्षिण के ढंडे और नम इलाकों में ले जा रहे हैं ताकि वाइन की क्वॉलिटी और न गिरे. इससे चिली के प्रतिस्पर्धी वाइन बाजार पर पैर न जमा पाने का खतरा पैदा हो गया है लेकिन दूसरी ओर इसने नए बड़े इलाकों में अंगूर की खेती को संभव बना दिया है. उन जगहों में जो पहले बहुत ही सर्द हुआ करते थे और इतने नम कि अंगूर की खेती ही न हो सके. तापमान में एक डिग्री की वृद्धि से फसल कटने की तारीख 10 दिन कम हो जाती है. इसके अलावा अंगूर में शुगर की मात्रा भी बढ़ जाती है लेकिन तानीन का पकना पूरा नहीं हो पाता. यह वाइन को उसकी मिश्रता देता है और उसके लाल रंग के लिए जिम्मेदार होता है.

Chile - Land und Leute
तस्वीर: picture alliance / HJS-Sportfotos

चिली में वाइन बनाने की परंपरा साढ़े चार सौ साल पुरानी है और यूरोपीय विजेताओं के आगमन के साथ शुरू हुई. लेकिन 1980 के दशक में स्पेनी वाइन निर्माता मिगेल टोरेस ने चिली में जो नए तरीके लागू किए उनकी वजह से वह नई दुनिया के वाइन निर्माताओं की कतार में शामिल होने में कामयाब रहा है. अब चिली की वाइन की बोतलें अमेरिका और यूरोप से लेकर चीन तक हर कहीं सुपर बाजारों के रैक पर मिलती हैं. पिछले पंद्रह सालों में चिली में वाइन का उत्पादन दोगुना हो गया है और उम्मीद है कि उसका मौजूदा 1.8 अरब डॉलर का निर्यात 2020 तक बढ़कर 3 अरब डॉलर हो जाएगा.

Pro Wein 2012 Weinetiketten
तस्वीर: DW

लेकिन तापमान लगातार बढ़ रहा है और चिली में 400 हेक्टेयर खेतों के मालिक मिगेल टोरेस का कहना है कि अंगूरों की मौजूदा किस्मों की क्वॉलिटी को बनाए रखना और उन्हें बेहतर बनाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है. वे कहते हैं, "यदि तापमान बढ़ता है तो आप टमाटर, सेम आदि उपजाना जारी रख सकते हैं, लेकिन अंगूर की उन किस्मों को नहीं जो आज हमारे यहां हैं." चिली के महत्वपूर्ण उद्योग की समस्या बढ़ते तापमान की वजह से पैदा हुई दुनिया के उहापोह को दिखाती है. उसे ऐसी किसमें खोजनी होंगी जो तापमान और सूखे को बर्दाश्त कर सकें.

Hong Kong Wein aus Chile
तस्वीर: picture alliance / AP Photo

राष्ट्रपति मिशेल बाखेलेट ने समस्या से निबटने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च कर नदियों पर बांध बनाने की योजना बनाई है ताकि पूरे देश में कृषि, उद्योग और घरों के लिए पानी का पर्याप्त भंडार जमा हो सके. इसके अलावा अंगूर की खेती करने वाले किसान सिंचाई की बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. वीनो दे चिली के रिसर्च विंग के प्रमुख पैट्रिसियो पारा का कहना है कि किसानों को विभिन्न किस्मों के अलावा नए इलाकों को आजमाना होगा तथा प्रबंधन के गुर सीखने होंगे. लेकिन इसने वाइन निर्माताओं की जिंदगी जटिल तो बना ही दी है.

एमजे/आईबी (रॉयटर्स)