गर्भपात और गर्भनिरोधक मिलना लॉटरी जैसा
९ मार्च २०१६मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट में आठ देशों, अल सल्वाडोर, डोमिनिकन गणराज्य, पराग्वे, चिली, अर्जेंटीना, मैक्सिको, पेरू और उरुग्वे के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की पड़ताल की गई है. एमनेस्टी की अमेरिकी निदेशक एरिका ग्वेरा रोसास की ओर से एक बयान में कहा गया है, ''पूरे लैटिन अमरीका में ये जीवन रक्षक उपचार केवल स्वास्थ्यकर्मियों की दया या महिला की जेब पर निर्भर है. स्वास्थ्य के बारे में ये लॉटरी लगने जैसा घटिया और अवैध तरीका हजारों की जिंदगियों को खतरे में डाल रहा है.''
लैटिन अमेरिका में गर्भपात को लेकर बेहद कड़े कानून हैं. ये देश गर्भपात पर रोक के लिए किसी भी परिस्थिति में इन कानूनों को पूरी तरह लागू करते हैं. अधिकतर देशों में गर्भपात केवल बलात्कार या मां के जीवन को ख़तरा होने की स्थिति में ही मान्य है. इस इलाके में कैथोलिक चर्च काफी प्रभावशाली है. इसकी राय है कि जीवन गर्भधारण के क्षण से ही शुरू हो जाता है. यही मान्यता यहां कड़े गर्भपात विरोधी कानूनों की असल वजह है. रिपोर्ट का कहना है कि इसकी दूसरी वजह महिलाओं की भूमिका को 'सबसे पहले मां की तरह देखने' का रूढ़िवादी नजरिया भी है.
इस रिपोर्ट में इससे जुड़ी कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया गया है. 2015 में 10 साल की एक गर्भवती लड़की का गर्भपात नहीं करने दिया गया था. उसने अपने सौतेले पिता पर बलात्कार का आरोप लगाया था. इसी तरह 2012 में डोमिनिकन गणराज्य की 16 वर्षीय रोसेउरा हेर्नांडेज की भी ल्यूकेमिया के चलते मौत हो गई थी. वह गर्भवती थी और चाहती थी कि उनका गर्भपात कराकर कैंसर का उपचार कराया जाए लेकिन डॉक्टरों ने कड़े कानूनों के चलते ऐसा करने से मना कर दिया. हालांकि लैटिन अमेरिका के उरुग्वे जैसे कुछ देशों में गर्भपात को कानूनी मान्यता है लेकिन इधर महिलाओं के सामने कई समस्याएं हैं. एम्नेस्टी का कहना है कि यहां स्वास्थ्यकर्मी अपनी धार्मिक मान्यताओं के चलते गर्भपात करने से इनकार कर देते हैं.
इन सारी दिक्कतों से जूझ रही महिलाओं को गैरकानूनी तरीकों से बेहद जोखिम भरा गर्भपात कराना होता है. रिपोर्ट का कहना है कि 2014 में लैटिन अमेरिका में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. हर साल लैटिन अमेरिका के अस्पतालों में असुरक्षित गर्भपात के दौरान हुई दिक्कतों के चलते 7 लाख 60 हजार महिलाएं अपना इलाज कराने आती हैं. उधर जीका वायरस के चलते नवजात बच्चों में हो रही दिक्कतों के चलते भी लैटिन अमरीका में गर्भपात कानूनों और गर्भनिरोधकों की उपलब्धता को लेकर बहस छिड़ गई है.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार लैटिन अमेरिका में हर तीन में से एक महिला तक गर्भनिरोधक नहीं पहुंच पाता है. इस इलाके के चार देशों, कोलंबिया, अल सल्वाडोर और जमैका में महिलाओं को जीका वायरस के चलते देर से गर्भ धारण करने की सलाह दी गई है. एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में इस सलाह की निंदा की है.
आरजे/एमजे (रायटर्स)