गरीबी से जूझते अमीर देशों के बच्चे
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के अमीर देशों में हर पांचवा बच्चा गरीबी में रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरी नहीं कि अमीर देश हो तो वहां बच्चों की स्थिति अच्छी होगी.
खराब हालात
संयुक्त राष्ट्र की बाल संस्था यूनिसेफ के मुताबिक दुनिया के अमीर मुल्कों में बच्चे व्यापक गरीबी से जूझ रहे हैं. यूनिसेफ ने इस स्टडी में दुनिया के 41 उच्च और मध्यम आय वाले देशों को शामिल किया था.
शामिल देश
सर्वे में यूरोप, पूर्वी एशिया और उत्तरी अमेरिका के तमाम देशों समेत इस्राएल, मैक्सिको और चिली को भी शामिल किया गया था.
सकारात्मक बदलाव
रिपोर्ट ने बच्चों और युवाओं पर दिख रहे सकारात्मक रुझानों पर भी चर्चा की है. रिपोर्ट कहती है कि युवाओं में नशे की लत घटी है और किशोरावस्था में गर्भधारण करने के मामलों में भी गिरावट आयी है.
बेहतर जीवन
बच्चों के लिए जिन देशों को बेहतर माना गया है उनमें डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, जर्मनी, स्विजरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्लोवेनिया और नीदरलैंड्स प्रमुख हैं. दक्षिणी और पूर्वी यूरोप और लैटिन अमेरिकी देशों में बाल गरीबी दर सबसे अधिक है.
नहीं चला रसूख
शक्तिशाली देशों में शुमार अमेरिका भी बाल गरीबी से जूझ रहा है. वहां के तकरीबन 30 फीसदी बच्चे गरीब हैं जो 21 फीसदी की वैश्विक औसत गरीबी दर से कही अधिक है.
पैसा काफी नहीं
यूनिसेफ के मुताबिक उच्च आय बाल जीवन की गुणवत्ता तय नहीं कर सकती. मसलन जापान, अमेरिका और कनाडा जैसे अमीर देशों में बाल गरीबी घटाने के लिये सबसे कम नीतियां हैं.
अपर्याप्त भोजन
अमीर देशों में हर आठ में से एक बच्चे को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता. वहीं तुर्की और मेक्सिको में हर तीन में से एक बच्चे के लिये पर्याप्त भोजन नहीं है. इन देशों में 15 साल की उम्र वाले एक तिहाई बच्चे पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं.