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खेल होने के बाद ही कोई जांच होगीः गिल

११ अगस्त २०१०

भारत के खेल मंत्री एमएस गिल ने कॉमनवेल्थ खेलों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच साझा संसदीय समिति से कराने से फिलहाल इनकार किया है. उनका कहना है कि खेल होने के बाद ही सब आरोपों की पूरी तरह जांच कराई जाएगी.

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खेल मंत्री एमएस गिलतस्वीर: UNI

जब लोकसभा में विपक्ष ने गिल की इस बात पर नाराजगी जताई, तो उन्होंने सूचना का अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इस मामले से जुड़ी जानकारी हासिल करने की सलाह दी. इस पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य यह कहते हुए सदन से बाहर चले गए कि मंत्री ने सदन के महत्व को कम करके आंका है.

Das Maskottchen der Commonwealth Games 2010
तस्वीर: UNI

कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए गिल ने साझा संसदीय जांच समिति की मांग को ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, "मैंने संसदीय जांच समितियों का इतिहास पढ़ा है. इस तरह की जांच करानी है या नहीं, यह अलग सवाल है." गिल ने कहा कि हर कोई कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों पर चिंतित है और यह देश की प्रतिष्ठा का मामला है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि खेल शानदार तरीके से होंगे.

सदन के बाहर जाते हुए बीजेपी के सदस्य "हम साझा संसदीय जांच समिति चाहते हैं" के नारे लगा रहे थे. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने गिल पर सदन का अपमान करने का आरोप लगाया. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने भी संसदीय जांच समिति की मांग की और सवाल किया कि सरकार इससे क्यों शर्मा रही है.

उधर गिल ने फिर कॉमनवेल्थ खेलों को शादी के जैसा बताया. उन्होंने सांसदों से खेलों की कामयाबी के लिए कोशिश करने की अपील के साथ कहा, "आठ साल से काम कर रहे हैं. अब रिश्ता तोड़ना चाह रहे हो. दुल्हा दरवाजे पर खड़ा है, ऐसे में क्या दुल्हन को रिश्ता तोड़ना चाहिए." विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए गिल ने कहा, "खिलाड़ियों की तरह मुंह करो, हमको लड़ने के लिए बहुत मौके हैं. कॉमनवेल्थ खेल इतना बड़ा स्वयंवर है. चिंता तो रहेगी."

खेलों की लचर तैयारियों का प्रचार करने के लिए गिल ने टीवी चैनलों को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा, "100 चैनल हैं और बहुत कंपीटिशन है. सबको टीआरपी चाहिए." आलोचना को एक आम बात बताते हुए गिल ने कहा, "अगर घर बना भी लो तो बीवी छह महीने तक नुक्स निकालती रहती है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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