खाने से जुड़ी गलतफहमियां
खाने में कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें हम फायदेमंद समझते हैं लेकिन असल में वे आपको नुकसान पहुंचा रही होती हैं. आपको इनमें से किनके बारे में गलतफहमी है...
"कॉफी से कैंसर हो सकता है" या "कॉफी तंत्रिकाओं के लिए बुरी है", कॉफी के बारे में ऐसी बातें हम अक्सर सुनते हैं. लेकिन रिसर्चरों का कहना है कॉफी ज्यादा ही बदनाम है. असल में कॉफी कैंसर को दूर रखने में मदद करती है. लेकिन कहते हैं ना किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं.
शराब पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं. लेकिन रेड वाइन में मौजूद कुछ तत्व आपको फायदा पहुंचा सकते हैं. आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के लिए दिन में एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए 2 काफी है. एक अमेरिकी रिसर्च में पाया गया कि जो लोग अल्कोहल का सेवन बिल्कुल नहीं करते वे कम मात्रा में शराब पीने वालों से जल्दी मरते हैं.
सालों पहले हमें बताया गया था कि मक्खन से बेहतर है कृत्रिम मक्खन या मार्जरीन खाया जाए. इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा कम होती है. लेकिन कई नई रिसर्च मार्जरीन के पक्ष में नहीं क्योंकि असल में यह एक अप्राकृतिक उत्पाद है.
दिल के दौरे या दूसरी कई बीमारियों के लिए आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल को जिम्मेदार ठहराया जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक यह रक्त नलिकाओं को ब्लॉक कर देता है इसलिए इससे दूर रहना चाहिए. खासकर अंडे, चीज और मांस जैसे उत्पादों से. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर को कोलेस्ट्रॉल की कुछ मात्रा की जरूरत होती है लेकिन बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से बचना चाहिए. शरीर कुछ मात्रा में इसे खुद भी बनाता है.
कई लोग फ्रोजेन सब्जियों के इस्तेमाल से परहेज करते हैं. वे मानते हैं कि फ्रोजेन सब्जियों में ताजा सब्जियों के मुकाबले विटामिन कम होता है. लेकिन असल में फ्रोजेन सब्जियों में ज्यादा पोषण होता है क्योंकि खेत से ग्राहक के पास पहुंचने तक ये इधर उधर नहीं पड़ी रहतीं बल्कि फ्रीज कर दी जाती हैं.
एक धारणा यह भी है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड कैंसर, हृदय रोग और अवसाद जैसी बीमारियों को दूर भगा सकता है. कई डॉक्टर हमें हर रोज एमेगा-3 के इस्तेमाल की सलाह देते हैं. लेकिन ताजा जानकारियों के मुताबिक फैटी एसिड शरीर में कुछ फायदे तो पहुंचाता है लेकिन हर मर्ज की दवा नहीं.
विटामिन शरीर में मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है, तो विटामिन की गोलियां खाने से बेहतर क्या हो सकता है. माना जाता रहा है कि विटामिन सी सभी तरह की बीमारियों से रक्षा करता है. लेकिन कई जानकारों का मानना है कि विटामिन की ज्यादा मात्रा आपको नुकसान पहुंचा सकती है.
शरीर को जब पानी की जरूरत होती है तो हमें खुद ब खुद प्यास लग जाती है. लेकिन एक धारणा यह भी है कि प्यास लगने से पहले ही पानी पी लेना चाहिए. यह सही नहीं है. आपको शरीर की क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए, जब शरीर को पानी की जरूरत होगी वह आपको खुद ही प्यास का एहसास कराएगा.
दूध में कैल्शियम होता है. यह हड्डियों को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है. लेकिन स्वीडन में एक शोध के मुताबिक जो लोग बहुत ज्यादा दूध पीते हैं वे जल्दी मर सकते हैं. दूध पीते रहें, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.
स्वास्थ्य और डायट संबंधी कई वेबसाइटें गेहूं के नुकसान से आगाह कराती हैं. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि गेहूं गंजेपन, हैलूसिनेशन और आत्महत्या की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.