खतरे में लोकतंत्र?
भारत में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लोकतांत्रिक संस्थाओं के कमजोर होने की शिकायतें होती रही हैं. अब बीजेपी नेता आडवाणी ने कहा है कि इमरजेंसी जैसी हालत पैदा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
मन की बात?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू संगठन आरएसएस के प्रचारक रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे नेतृत्व की उम्मीद की जा रही है लेकिन हिंदुत्ववादी संगठनों के मुसलमानों के धर्मांतरण या "घर वापसी" जैसे विभिन्न अभियानों के खिलाफ उन्होंने कुछ नहीं कहा है.
आरएसएस का प्रभाव
नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप है कि उनके मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर काम करते हैं और हर महत्वपूर्ण मामले में उससे सलाह लेते हैं. मोहन भागवत आरएसएस के नेता हैं और उनके संगठन का एक सदस्य भारतीय जनता पार्टी का संगठन सचिव है.
लोकतंत्र पर बादल
पारिवारिक राजनीति के लिए धार्मिक राजनीति का इस्तेमाल - अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि धर्म के विकास के लिए राज्य सत्ता जरूरी है. वे पंजाब के मुख्यमंत्री हैं, उनके पुत्र उप मुख्यमंत्री और पतोहु केंद्रीय मंत्री हैं.
विकास में बाधा
बिहार को सालों बाद राजनीतिक स्थिरता देने के बावजूद विकास के बदले वंशवाद को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया. चारा घोटाले में लिप्त होने के कारण लालू यादव महीनों जेल में रहे और इस समय उनके चुनाव लड़ने पर रोक है.
समाजवादी वंश
समाजवादी आंदोलन से उभरे मुलायम सिंह यादव परिवार को मजबूत करने और लालू यादव के साथ पारिवारिक गठबंधन बनाने के बाद अब जनता परिवार के मुखिया है. चुनावी राजनीति का संयोग ही है कि उत्तर प्रदेश से उनकी पार्टी के सारे सांसद उनके परिवार के ही हैं.
आकंठ घोटाले
कांग्रेस का विरोध कर ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी बनाई. कम्युनिस्टों के विरोध के नाम पर सत्ता में आई. चूंकि पार्टी चलाने के लिए पैसे की भी जरूरत होती है, उन्होंने पार्टी के लिए धन जुटाने का काम गैरकानूनी तरीकों पर छोड़ दिया. इसी कारण से आज उनके कई सांसदों के खिलाफ जांच चल रही है.
सत्तामोह या मजबूरी
भ्रष्टाचार कांड में अयोग्य करार दिए जाने के बाद ऊंची अदालत में अपील जीतकर तमिल राजनीति की "अम्मा" जयललिता फिर से सत्ता में लौटी हैं. राजनीतिज्ञों की लोकप्रियता के कारण भारत राजनीतिक भ्रष्टाचार से निबटने का रास्ता नहीं ढूंढ पाया है.
राजनीति क्यों?
अलगाववाद की राजनीति करने वाले उद्धव ठाकरे सांप्रदायिक शिवसेना के नेता है. अब तक चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन पिता के बाद पार्टी के सर्वमान्य नेता और अधिनायक हैं. उनकी पार्टी मराठा सम्मान के लिए लड़ती है और मुंबई में बाहर से आए लोगों का विरोध करती हैं.
अनसुलझी समस्या
गरीबी और विकास के अलावा भारत की प्रमुख समस्याओं में कश्मीर विवाद शामिल है. कश्मीर ढाई दशक से अलगाववादी विद्रोह का सामना कर रहा है. राजनीतिक प्रक्रियाएं लोगों को पर्याप्त रोजगार और सुरक्षा नहीं दे पाई हैं.
समांतर सरकार
माओवादी भी समाज की मुख्य धारा से बाहर हैं और खासकर जंगली इलाकों में स्थानीय निवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. उन्हें बातचीत की मेज पर लाने और उनकी मांगों पर लोगों का समर्थन जीतने के सार्थक प्रयास नहीं हुए हैं.