क्यों हुआ एनटीपीसी में धमाका?
२ नवम्बर २०१७कोयले से चलने वाले बिजली घर में हुआ हादसा हाल के वर्षों में भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा है. इस हादसे में घायल हुए लोगों में कम से कम 20 की हालत बेहद नाजुक है, कई घायलों को राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती किया गया है.
रायबरेली के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया, "एक यूनिट की फ्लू गैस पाइप बंद होने की वजह से यह धमाका हुआ. धमाके के कारण निकली गर्म फ्लू गैसों और भाप ने कई लोगों को घायल कर दिया. इस घटना के मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये गये हैं. दो सदस्यों वाली तकनीकी टीम अपनी रिपोर्ट सात दिन के भीतर सौंपेगी."
एनटीपीसी भारत में बिजली बनाने वाली शीर्ष कंपनी है और उसके संयंत्रों में इस तरह के किसी हादसे की बात बहुत कम ही सामने आती है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आनंद कुमार ने एक बयान में कहा कि बॉयलर के नीचे लगे फर्नेस में राख जमा हो गयी थी जिसके कारण दबाव बढ़ गया और धमाका हुआ.
राज्य सरकार ने इस हादसे में मरने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रुप से घायलों को 50 हजार रुपये और मामूली रूप से जख्मी लोगों को 25000 रुपये के मुआवजे का एलान किया है. यह प्लांट ऊंचाहार में है और नौ राज्यों को बिजली की सप्लाई करता है. हालांकि कंपनी का कहना है कि दूसरी यूनिटों से बिजली की आपूर्ति चालू है और मुमकिन है कि बिजली की सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. 500 मेगावाट की जिस यूनिट में धमाका हुआ वह अप्रैल से चल रही थी और उसे हादसे के बाद बंद कर दिया गया है. बाकी की पांच यूनिटों में कामकाज सामान्य रूप से चल रहा है. एनटीपीसी का यह प्लांट 30 साल पुराना है और देश के बड़े बिजलीघरों में से एक है.
एनआर/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए)