क्यों दुनिया को हैरान करता है जर्मनी का मोटरवे
जर्मनी दुनिया का अकेला देश हैं, जहां मोटरवे पर कोई स्पीड लिमिट नहीं है. एक नजर दुनिया की सबसे तेज रफ्तार मोटरवे जर्मन ऑटोबॉन पर.
नाम ऑटोबान
ऑटोबान कहे जाने वाले जर्मनी के मोटरवे में वही गाड़ी चल सकती है, जिसकी न्यूतनम रफ्तार कम से कम 60 किलोमीटर प्रतिघंटा हो. ऑटोबान पर साइकिल, मोपेड और ट्रैक्टर प्रतिबंधित हैं. ऑटोबान पर कोई ट्रैफिक लाइट भी नहीं होती.
पहला ऑटोबान
जर्मनी में पहला ऑटोबान बनाने का काम 1929 में कोलोन शहर के मेयर कोनराड आडेनावर ने शुरू किया. बॉन और कोलोन को जोड़ने वाले इस मोटरवे को A555 नाम दिया गया. 1932 में हिटलर के सत्ता में आने से एक साल पहले इसका उद्घाटन किया गया.
कोई सीमा नहीं
जर्मनी दुनिया में अकेला ऐसा देश है जहां मोटरवे के बड़े हिस्से पर कोई स्पीड लिमिट नहीं है. वैसे आम तौर पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार सुझाई गई है. कुछ दुर्घटना संभावित जगहों और हाईवे से बाहर निकलने वालों मोड़ों पर स्पीड लिमिट होती है.
हजारों किलोमीटर का नेटवर्क
जर्मन ऑटोबान कुल 13,000 किलोमीटर इलाके को कवर करते हैं. अगर सभी मोटरवेज को मिला दिया जाए तो दक्षिण अमेरिका के सैंट डियागो से हैम्बर्ग तक की सड़क बन जाएगी. A7 देश का सबसे लंबा मोटरवे है जो 962 किलोमीटर का है.
हर मोटरवे का नाम
जर्मनी में किसी भी मोटरवे का नाम A से शुरू होता है. उत्तर से दक्षिण की तरफ जाने वाले मोटरवे आमतौर पर विषम संख्या वाले और पूरब से पश्चिम की ओर जाने वाले सम संख्या के होते हैं.
मोटरवे भी, रनवे भी
कुछ हाईवेज में ऐसे हिस्से भी है जहां सेना के विमान उतारे जा सकते हैं. हालांकि अब तक ऐसी नौबत द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ही आई है. तब बहुत सारे हवाई अड्डे तबाह हो गए थे. अब हाईवेज के कई हिस्से नाटो के ऑपरेशन के लिए मेनटेन किये जाते हैं.
लगातार बढ़ता ट्रैफिक
जर्मनी के ऑटोमोबाइल क्लब ADAC के मुताबिक 2015 में 5,68,000 ट्रैफिक जाम के मामले सामने आए. इस दौरान जाम में फंसे लोगों के 3,41,000 घंटे बर्बाद हुए.
हादसे भी
अक्टूबर 1990 में जर्मनी का सबसे बड़ा ऑटोबान हादसा हुआ. कोहरे के चलते 170 गाड़ियां टकरा गईं. 10 लोग मारे गए और 123 घायल हुए. 2009 में भी 259 कारें आपस में टकराईं. लेकिन किसी की जान नहीं गई.
टोल फीस भी
2005 से जर्मनी ने भारी ट्रकों से टोल टैक्स वसूलना शुरू किया. यूरोप में यात्रा करने वाले भारी ट्रक जर्मनी से होते हुए भी गुजरते हैं, इनकी वजह से सड़कें खराब होती हैं, लिहाजा ट्रकों से टोल टैक्स लेने का फैसला किया गया.
ऑटोबान पर सुविधाएं
ऑटोबान पर हर कुछ किलोमीटर की दूरी पर इमरजेंसी टेलिफोन होते हैं. इसके अलावा 20 से 45 मिनट के दायरे में पेट्रोल पम्प होते हैं. वहां बढ़िया स्टैंडर्ड का खाना पीना और शौच आदि की सुविधाएं होती हैं. ट्रक और बस ड्राइवरों के लिए अलग से आराम करने की जगह होती है.