क्यों छाती है धुंध की चादर
भारत ही नहीं चीन, इटली और दुनिया के कई अन्य देश इस समय धुंध से परेशान रहते हैं. लेकिन यह आती कहां से है? आखिर क्या है धुंध और क्या होता है जब यह नीचे उतरती है? आइए देखें...
कैसे बनता है
इटली की पो घाटी में पिछले कुछ हफ्तों से मौसम शांत और ठंडा रहा. ऐसे मौसम में वाहनों से निकलने वाला धुआं जमीन के पास की हवा में ही फंस जाता है. लेकिन गर्मियों में होने वाली धुंध फोटोकेमिकल होती है. वह वायु प्रदूषण और सूर्य की किरणों के मिलने से बनती है. दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बुरे हैं.
दो धारी तलवार
गर्मियों में होने वाली धुंध में ओजोन की मुख्य भूमिका होती है. ओजोन वह कंपाउंड है जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है. नियम यह है कि अगर ओजोन ऊपर स्ट्रैटोस्फियर में है तो अच्छा है लेकिन अगर यह नीचे ट्रोपोस्फियर में आ जाए तो हमारे लिए खतरनाक हो सकती है.
बेहद छोटा
हालांकि धुंध में दिखाई देना मुश्किल हो जाता है लेकिन धुंध जिन बारीक कणों से बनी होती है उन्हें अलग अलग सामान्य आंखों से देख पाना संभव नहीं.
धुंध या कोहरा?
30 अक्टूबर 2014 को जर्मन अंतरिक्ष यात्री आलेक्जांडर गेर्स्ट ने एक अहम सवाल किया. उन्होंने इटली के पो इलाके को अंतरिक्ष से देख कर पूछा कि उसके ऊपर दिखाई दे रहा आवरण धुंध है या कोहरा? तकनीकी जवाब है - दोनों. धुंध यानि स्मॉग असल में धुएं (स्मोक) और कोहरे (फॉग) से मिलकर बनता है.
पिज्जा बनाने वालों की मुश्किल
शहरों के बाहर धुंध ज्यादा होती है क्योंकि यहां औद्योगिक धुआं ज्यादा निकलता है. इटली के शहर नेपल्स के पास स्थित विटालियानो में स्थिति इतनी बुरी है कि गांव ने लकड़ी जलाकर इस्तेमाल होने वाले तंदूरों में पिज्जा बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
ऑड ईवन रूल
धुंध से लड़ने के लिए नए साल में दिल्ली सरकार ने राजधानी में गाड़ियों के लिए सम और विषम नंबर प्लेट का नियम शुरू किया. इसके मुताबिक एक दिन सम और दूसरे दिन विषम नंबर वाली गाड़ियां सड़क पर होंगी.
धुंध का गढ़
चीन की राजधानी बीजिंग धुंध की मार से बुरी तरह परेशान है. कई बार शहर में रेड अलर्ट जारी कर स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखना पड़ा. यही नहीं निजी वाहनों के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई गई. साल 2015 में चीन में इतिहास में सबसे अधिक धुंध रिकॉर्ड हुआ.