क्या है सौर तूफान
कभी कभी सूर्य से अथाह ऊर्जा निकलती है. इस दौरान अंतरिक्ष पर नजर रखने वाली प्रयोगशालाएं सूर्य की कई जबरदस्त तस्वीरें जुटाती हैं. आखिर क्या है इस अद्भुत चमक का राज.
सूर्य में विस्फोट
सूर्य की सतह पर अचानक बेहद चमकदार प्रकाश दिखने की घटना को सन फ्लेयर कहा जाता है. धरती से ऐसा हर रोज नहीं दिखाई पड़ता. कभी कभार होने वाली इस घटना के दौरान सूर्य के कुछ हिस्से असीम ऊर्जा छोड़ते हैं. इस ऊर्जा से एक खास चमक पैदा होती है जो आग की लपटों जैसी नजर आती है.
सन फ्लेयर से सौर तूफान
अगर यह असीम ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इसके साथ सूर्य से अति सूक्ष्म नाभिकीय कण भी निकलते है. यह ऊर्जा और कण ब्रह्मांड में फैल जाते हैं. असल में यह बहुत जबरदस्त नाभिकीय विकीरण है, जिसे सौर तूफान भी कहा जाता है.
अहम है दिशा
सौर तूफान राह में आने वाली हर चीज पर असर डालता है. अगस्त 2014 के अंत में शुरू हुए सौर तूफान की दिशा फिलहाल पृथ्वी की तरफ नहीं है. लेकिन नासा ने चेतावनी दी है कि इस साल के अंत में एक सौर तूफान पृथ्वी की तरफ आएगा.
सूर्य को समझने का मौका
सन फ्लेयर वैज्ञानिकों को सूर्य को समझने का मौका भी देता है. अब तक यह पता चला है कि सौर तूफान की वजह से ब्रह्मांड में मौजूद कण इतने गर्म हो जाते हैं कि वे भी प्रकाश की गति से यात्रा करने लगते हैं.
कैसा है हमारा सूरज
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक सूर्य कुछ इस तरह का है. इसे तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है. कोर में नाभिकीय क्रियाएं होती है. इन क्रियाओं से पैदा हुई विकीरण ऊर्जा को रैडिएटिव जोन बाहर फेंकता है. कनवेक्शन या संवहन जोन विकीरण ऊर्जा को सतह तक लाता है.
चुंबकीय क्षेत्र का कवच
सूर्य से लगातार आते आवेशित कणों से धरती को पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बचाता है. धरती के गर्भ से निकलने वाली चुंबकीय शक्तियां वायुमंडल के आस पास कवच का काम करती हैं. ये आवेशित कणों का रुख मोड़ देती हैं. लेकिन सौर तूफान के वक्त कई आवेशित कण चुंबकीय कवच को भेद देते हैं.
इंसान की मुश्किल
जुलाई 2013 में एक बहुत ही बड़ा सौर तूफान धरती के करीब से गुजरा था. अगर सौर तूफान धरती से टकराता तो भारी मुश्किल पैदा हो सकती थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक सौर तूफान एक झटके में सारी सैटेलाइटों को खराब कर सकता है.