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क्या सोये बिना रह सकता है इंसान

४ मार्च २०१६

व्यस्त दिन के बाद इंसान अगले दिन के काम की चिंता में डूब जाता है. रात में ठीक से नींद न आए तो अगले दिन के काम पर भी असर होता है. वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि सो नहीं पाने पर शरीर को आराम कैसे मिले.

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Schlafen Schlafstörung
तस्वीर: Colourbox

सैरा मेस्त्रोविच जर्मनी की प्रसिद्ध बैले डांसर है. जब वह परफॉर्म कर रही होती है तो पंख जैसे हल्केपन के साथ फर्श पर फिसलती, थिरकती नजर आती है. लेकिन जो इतना आसान दिखता है, वह असल में खासा मुश्किल काम है. बैले डांसर दरअसल टॉप के एथलीट होते हैं. बर्लिन की स्टेट बैले कंपनी की टीम में 90 युवा महिलाएं और पुरुष हैं. रोज की ट्रेनिंग, कड़ा अनुशासन और कामयाबी का दबाव, इन डांसरों की दिनचर्या का हिस्सा है. उनका हर दिन अक्सर देर रात से खत्म होता है.

सैरा मेस्त्रोविच अपने काम की चुनौतियों के बारे में बताती हैं, "एक नामी शख्सियत ने कहा था कि हम तितलियों की तरह हैं, लेकिन इस्पात के बने. हमें सख्त और मजबूत होना पड़ता है, लेकिन हमें ऐसा दिखना होता है कि सब कुछ बहुत ही आसान और ताजा है."

Frau Schlaflosigkeit
तस्वीर: Colourbox

आराम और प्रदर्शन

बैले डांसर हफ्ते में छह दिन ट्रेनिंग करते हैं. और हर शाम शो की शाम होती है. इसका मतलब है कि काम का अनियमित समय और उस पर से हर रोज कड़ी मेहनत. बैले डांसर का एक सामान्य दिन मानव शरीर पर रिसर्च का दिलचस्प विषय है. स्वाभाविक है कि उनके सोने की आदत पर बर्लिन के शैरिटे मेडिकल कॉलेज में रिसर्च हो रही है.

शैरिटे के नींद विशेषज्ञ प्रो. इंगो फीत्से बताते हैं, "बैले डांसलर हमारे लिए दिलचस्प इसलिए थे कि उनका काम का ढर्रा सामान्य नहीं है. वे हफ्ते में पांच दिन काम नहीं करते. वीकएंड में भी उनका शो होता है और ट्रेनिंग भी होती है. यह शिफ्ट में काम करने जैसा है और हमें अब तक के रिसर्च से पता है कि दिन और रात का अनियमित ढर्रा बीमारी का कारण बन सकता है. हम जानना चाहते थे कि वे कितने घंटे सोते हैं, और क्या सोने का उनके चेटिल होने से कुछ लेना देना है."

Russland St. Petersburg Russische Ballettschule
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Ermokhin

शैरिटे मेडिकल कॉलेज के स्लीपिंग लैब में सोने से संबंधित राज खुलते हैं. आधुनिक तकनीक की मदद से इंसानी दिमाग में झांकना मुमकिन हो गया है, सर पर लगे इलेक्ट्रोड ब्रेनवेव को रजिस्टर करते हैं. उसी समय आंखों का मूवमेंट, कोशिकाओं की टोन और सांस लेने की गति भी रिकॉर्ड की जाती है. सो चुकने के बाद इंसान हर सौ मिनट पर अर्ध निद्रा, गहरी निद्रा और स्वप्न की अवस्था में जाता है. यह चक्र रात में बार बार दोहराता है.

झपकी से मदद

निद्रा वैज्ञानिक एलीन लिप्स रिसर्च के तरीके के बारे में बताते हैं, "अच्छी और खराब नींद में अंतर कर सकने के लिए हिप्नोग्राम का आकलन किया जाता है. इसमें देखा जा सकता है कि नींद का प्रोफाइल कैसा है, रात में नींद के कितने चरण तय हुए. इसमें यह भी देखा जा सकता है कि क्या रात में पर्याप्त गहरी निंद मिली या मरीज को विभिन्न कारणों से गहरी नींद नहीं मिली. नींद बहुत ही हल्की रही और इसलिए पर्याप्त आराम नहीं मिल पाया."

Bildergalerie Die 12 größten Ballerinen aller Zeiten Natalia Osipova
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Vladimir Astapkovich

खराब नींद अगले दिन हमारे काम पर असर डालती है. रात में नींद अच्छी न आई हो तो अगले दिन इंसान थका होता है और वह कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता. सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने की क्षमता घट जाती है. वैज्ञानिकों ने पता किया है कि अगर दिन में थोड़ी देर झपकी ले ली जाए तो काफी फायदा हो सकता है.

एमजे/एसएफ