क्या क्या रख सकते हैं डिजिलॉकर में
एक अक्टूबर से वाहन चालकों को वाहन के जरूरी कागजात की कॉपी वाहन में रखने से छूट मिल गई. कागजात डिजिटल रूप से मोबाइल फोन पर रखे जा सकते हैं. जानिए क्या है यह सुविधा.
समाधान
भारत में अक्सर पुलिस वाहन चालकों पर इसलिए चालान कर देती है क्योंकि वाहन चलाते वक्त उनके पास वाहन के आवश्यक कागजात नहीं होते, भले ही वो कागजात उनके घर पर क्यों ना छूट गए हों. एक अक्टूबर से चालकों को बड़ी राहत मिल गई. अब लाइसेंस और वाहन का पंजीकरण सर्टिफिकेट जैसी चीजें साथ में नहीं रखने से चालान नहीं होगा.
तकनीक से मदद
अब वाहन चालकों की चेकिंग के दौरान स्मार्टफोन पर ऐप में रखे सभी जरूरी कागजात की डिजिटल कॉपी भी मान्य होगी. इसके लिए एम-परिवहन और डिजिलॉकर जैसे ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है.
एम-परिवहन ऐप
इस ऐप में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल रूप से रखी जा सकती है. इसमें गाड़ी के बीमे की कॉपी, सभी परमिट और प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट शामिल हैं.
जानकारी
भारत सरकार के ऐप एम-परिवहन ऐप की मदद से किसी भी पार्क किए हुए, हादसे में शामिल या चोरी हुए वाहन के पंजीकरण नंबर से उससे संबंधित सारी जानकारी निकाली जा सकती है. अगर किसी को सेकंड-हैंड वाहन खरीदना हो तो उस वाहन से भी जुड़ी सारी जानकारी हासिल की जा सकती है.
डिजिलॉकर
डिजिलॉकर भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक क्लाउड आधारित सेवा है. इसके जरिए आप क्लाउड में या इसके ऐप के जरिए अपने स्मार्टफोन में लगभग हर तरह के जरूरी कागजात रख सकते हैं.
सहूलियत
डिजिलॉकर में केंद्र सरकार की 16 और राज्य सरकारों की 36 अलग अलग एजेंसियों और विभागों द्वारा जारी किए गए 150 से ज्यादा कागजात की डिजिटल कॉपी रख सकते हैं. इनमें आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं, और भी कई कागजात शामिल हैं.
प्रमाण पत्र
डिजिलॉकर में आप राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पात्र, जाती प्रमाण पत्र, पेंशन प्रमाण पात्र और भविष्य निधि यूएएन कार्ड की डिजिटल कॉपियां भी रख सकते हैं. इसमें आप पैन वेरिफिकेशन रिकॉर्ड और एलपीजी सब्सक्रिप्शन वाउचर भी रख सकते हैं.
डिग्रियां
इसके अलावा आप अपनी दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के बोर्ड इम्तिहान की मार्कशीट और उच्च शिक्षा की डिग्रियां भी रख सकते हैं.
बीमा पॉलिसी
डिजिलॉकर आपको अपनी बीमा पॉलिसियों की डिजिटल कॉपी भी रखने की सहूलियत देता है. इसमें आप सिर्फ एलआईसी जैसी सरकारी कंपनियां ही नहीं, बल्कि कई निजी बीमा कंपनियों की पॉलिसी भी रख सकते हैं.
स्वास्थ्य
डिजिलॉकर को अस्पतालों से भी जोड़ा जा रहा है जिससे जल्द ही आप अपना सारा मेडिकल रिकॉर्ड भी इस पर रख सकें.