कौन संभालेगा ओलंपिक समिति
४ जुलाई २०१३इस्तांबुल, मैड्रिड और टोक्यो इस खेल की मेजबानी की रेस में हैं और समझा जाता है कि तुर्की शहर सबसे आगे है. हालांकि हाल के दिनों में वहां राजनीतिक उथल पुथल हुई है और इसका असर उसकी दावेदारी पर पड़ सकता है. हालांकि इतना नहीं कि उसके खिलाफ फैसला हो.
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में सात सितंबर को मेजबान शहर पर वोटिंग होगी, जबकि 10 सितंबर को नए अध्यक्ष पद का चुनाव किया जाएगा. जाक रोगे के 12 साल के कार्यकाल के बाद छह उम्मीदवार अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं.
इन उम्मीदवारों को गुरुवार को लुजान शहर में अपना पक्ष रखना है. उनका प्रेजेंटेशन बंद कमरे में होगा और हर उम्मीदवार को 15 मिनट का वक्त दिया जाएगा. अध्यक्ष रोगे खुद इस प्रक्रिया को देखेंगे. आइए देखते हैं कि कौन से छह उम्मीदवार मुकाबले में हैं.
थोमास बाख (जर्मनी): बरसों से समझा जा रहा है कि बाख ही रोगे की जगह आईओसी के अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे. कहा जाता है कि 59 साल के बाख के खून में ओलंपिक बसा है. वैसे तो वह पेशे से वकील हैं लेकिन 1976 के मांट्रियल ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. वह 1991 में ओलंपिक समिति से जुड़े और अब इसके वाइस प्रेसिडेंट बन चुके हैं. उनका मानना है कि ओलंपिक का आयोजन जितने ज्यादा देशों और शहरों में मुमकिन हो, होना चाहिए.
सर्गेई बुबका (यूक्रेन): यह नाम खेल की दुनिया का सबसे जाना माना नाम है. पोल वाल्ट के अनगिनत रिकॉर्ड बनाने वाले यूक्रेन के बुबका एक महान एथलीट रहे हैं. 1988 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले बुबका चाहते हैं कि वह ओलंपिक समिति में भी जीत का रिकॉर्ड बनाएं. हालांकि 49 साल के यूक्रेनी को इस पद के लिए थोड़ा कम तजुर्बेकार समझा जा रहा है. कई लोग समझ रहे थे कि वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स एसोसिएशन का अध्यक्ष बनना चाहते हैं. उन्हें जीत के लिए भारी समर्थन की जरूरत होगी.
रिचर्ड कैरियन (पोर्तो रीका): स्मार्ट और भरोसेमंद बैंकर कैरियन के बारे में कहा जाता है कि आर्थिक मंदी के दौर में वह आईओसी को खतरे से बाहर रख सकते हैं. पोर्तो रीका के 60 साल के कैरियन 1990 से ओलंपिक समिति के सदस्य हैं और उन्होंने कोशिश की थी कि 2004 का ओलंपिक उनके देश में हो, जो नहीं हो सका. वह आठ साल तक आईओसी के एलीट पैनेल में भी रह चुके हैं. रियो में होने वाले 2016 ओलंपिक की भारी जिम्मेदारी उन पर भी है.
एनजी सेर मियांग (सिंगापुर): राजनयिक और सफल कारोबारी 64 साल के सिंगापुरी सेर 1998 से आईओसी के सदस्य हैं. वह पिछले चार साल से इसके वाइस प्रेसिडेंट भी हैं. एनजी को काफी पसंद किया जाता है और उन्हें इस चुनाव में छिपा रुस्तम भी कहा जा रहा है. वह रोगे की तरह नौकाचालन किया करते थे और फिलहाल नॉर्वे में सिंगापुर के राजदूत हैं. वह भी ओलंपिक में सीमित खर्चे की वकालत करते हैं.
डेनिस ओसवाल्ड (स्विट्जरलैंड): स्विट्जरलैंड के पूर्व चप्पू चालक ओसवाल्ड ने 1968 के खेलों में कांस्य पदक जीता है. वह पिछले 22 साल से ओलंपिक समिति में शामिल हैं. रोविंग फेडरेशन के 66 साल के अध्यक्ष के बारे में कहा जा रहा था कि वह विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी वाडा के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन उन्होंने इसकी जगह आईओसी चुनाव लड़ने का फैसला किया. वह नए खेलों को ओलंपिक में शामिल करना चाहते हैं.
सीके वू (ताइपे): सीके पेशे से आर्किटेक्ट हैं लेकिन बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वह कई करिश्मे दिखा चुके हैं. पिछले सात साल में वह भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष और महिला बॉक्सिंग को शामिल करने की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. 66 साल के सीके चीन में पैदा हुए लेकिन अपने मां बाप के साथ ताइपे चले गए थे. कहते हैं इस उम्र में जितनी ऊर्जा उनमें है, वह आम तौर पर नहीं देखी जाती. चीन को जब 2008 की मेजबानी मिली, तो उसमें उनका प्रमुख रोल रहा.
एजेए/एनआर (एपी, एएफपी)