कौन कौन से पक्षी जीवन-साथी के साथ रिश्ता निभाते हैं?
पक्षियों के बीच अपने जीवन-साथी को लेकर अलग अलग आचरण देखे जाते हैं. कुछ पक्षी जीवन भर एक ही पार्टनर का साथ निभाते हैं तो कुछ आसानी से नए रिश्ते बना लेते हैं.
90 फीसदी पक्षी मोनोगैमस
करीब 90 फीसदी पक्षियों को मोनोगैमस यानी एक पार्टनर के प्रति वफादार माना जाता है. लेकिन ब्लूटिट पक्षियों का मामला थोड़ा पेंचीदा है. मादा भोर में ही अपने नर पार्टनर को घोंसले में छोड़ कर निकल जाती है और पड़ोस के किसी ऐसे नर के साथ संबंध बनाती है जो सुबह जल्दी उठ चुका हो.
सभी एक से नहीं होते
इस बारे में जानकारी नहीं है कि गालापागोस पेंग्विन अपने साथी के प्रति कितने वफादार होते हैं, लेकिन रॉकहॉपर पेंग्विन को मोनोगैमस माना जाता है. अपने पार्टनर से हजारों मील दूर हो कर भी वे अपने पार्टनर से ही मिलने का इंतजार करते हैं.
मरते दम तक साथ?
स्वान या हंस अपने साथी का जीवन भर साथ निभाते हैं. दोनों मिलकर अपना घोंसला बनाते हैं. नर घोंसले की बहादुरी से रक्षा करता है और मादा सावधानी से अंडों की देखभाल. लेकिन प्रेम और वफादारी का प्रतीक माने जाने वाले हंस अक्सर इस एक रिश्ते के बाहर भी कई संबंध रखते हैं.
झुंड में बेवफाई
ज्यादातर तोते सुरक्षित रहने के लिए बड़े झुंडों में रहते हैं. झुंड के अंदर ही तोते जीवनपर्यंत चलने वाले मोनोगैमस संबंध स्थापित करते हैं. लेकिन इसी झुंड के भीतर किसी के साथ एक अफेयर चल जाना भी आम बात है.
सारस करते हैं इंतजार
नर सारस कई सालों तक नियमित रूप से अपनी पारंपरिक नेस्टिंग की जगह पर पहुंच जाते हैं. वहां मादाओं से कई दिन पहले पहुंचने के कारण वे ही घोंसले को तैयार करने का काम करते हैं. इधर घोंसला तैयार हुआ कि उधर मादा पहुंची. चूंकि सारस बड़े झुंड में नहीं रहते इसलिए अफेयर की संभावना भी काफी कम होती है.
ब्रीडिंग है साझा जिम्मेदारी
हंस बत्तख कुल का पक्षी है और सभी बत्तखों को आमतौर पर मोनोगैमस माना जाता है. लेकिन इस कुल के कई ऐसे पक्षी हैं जो हंस की तरह मिलकर घोंसला नहीं बनाते, यह केवल मादा का काम होता है. जब मादा बच्चे देती है तो नर भी उनकी देखभाल करता है, भले ही वे उसके बच्चे ना हों.