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को-पायलट ने जानबूझ कर गिराया विमान

२६ मार्च २०१५

जर्मनविंग्स के विमान की दुर्घटना की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि उपकप्तान ने प्लेन को जानबूझ कर फ्रेंच आल्प्स में गिराया था. हालांकि जांचकर्ताओं को उसके किसी आतंकी संगठन के साथ जुड़े होने के प्रमाण नहीं मिले हैं.

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Airbus A320 Cockpit Simulator
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jason Calston/Airbus

जर्मनविंग्स के 28 साल के को-पायलट ने "जानबूझ" कर विमान के कप्तान के कॉकपिट से बाहर जाने पर दरवाजे को लॉक कर दिया था. यह जानकारी देते हुए जर्मनी के गृह मंत्री थोमास दे मेजियर ने बताया कि फ्रेंच आल्प्स में दुर्घटनाग्रस्त हुए जर्मनविंग्स विमान के इस उपकप्तान के किसी आतंकी संगठन के जुड़े होने की बात सामने नहीं आई है. एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, "अभी तक मिली जानकारी और हमारे पास मौजूद तमाम सूचनाओं के मद्देनजर कहा जा सकता है कि उसकी आतंकवाद की कोई पृष्ठभूमि नहीं रही है."

मार्से के सरकारी वकील का कहना है कि उपकप्तान ने 150 लोगों को ले जा रहे इस प्लेन को जानबूझ कर फ्रेंच आल्प्स में गिराया था. अभियोक्ता ब्राइस रॉबिन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एयरबस के कॉकपिट से मिली फ्लाइट रिकॉडिंग में दुर्घटना के अंतिम मिनटों में दर्ज हुई जानकारी के आधार पर यह कहा जा सकता है. रॉबिन ने कहा, "को-पायलट कंट्रोल्स पर अकेला रह गया. उसके जानबूझ कर पायलट के लिए कॉकपिट का दरवाजा खोलने से मना कर दिया और विमान को नीचे लाने लगा." को-पायलट के ऐसा करने के पीछे क्या मंशा थी इसका पता अभी नहीं चल पाया है.

विमान पर सवार लोगों को बहुत देर तक इस बारे में पता नहीं चला. रिकॉर्डर में लोगों के चीखने चिल्लाने की आवाजें बिल्कुल अंत में जाकर सुनाई दी हैं. रॉबिन ने बताया कि इस दुर्घटना में चालक दल के 6 सदस्यों समेत 144 यात्रियों की "फौरन" मौत हो गई. वहीं विमान को जानबूझ कर नीचे लाने वाला को-पायलट "अंत तक सजग रहा." उन्होंने बताया कि को-पायलट ने एयर कंट्रोल से कोई बात नहीं की लेकिन उन्होंने उसके "सामान्य रूप से सांस लेने की आवाजें सुनीं."

हादसे में मारे गए लोगों के परिवारजनों को ये जानकारी दे दी गई है. मारे जाने वालों की पहचान के लिए डीएनए के सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं. इनमें करीब 51 स्पेनी और कम से कम 72 जर्मन नागरिक शामिल थे. लुफ्थांसा ने बताया है कि इस विमान पर करीब 18 देशों के नागरिक सवार थे. क्रैश साइट करीब 5,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां केवल हेलिकॉप्टर या पैदल हाइकिंग करके ही पहुंचा जा सकता है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल बुधवार को साइट पर गए और घटनास्थल का जायजा लिया. फ्रांस की धरती पर 1974 के बाद से हुई ये सबसे बड़ी वायु दुर्घटना है. विमान का दूसरा ब्लैक बॉक्स अभी तक नहीं मिला है, जिसमें फ्लाइट डाटा रिकार्ड होता है.

प्लेन क्रैश में जर्मनी के डुसेलडॉर्फ शहर के 50 से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं. उनके शोक में आज एक मिनट का मौन रखा गया. जर्मनी के पूरे नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य में ठीक 10 बजकर 53 मिनट पर मौन सभा हुई. इसी समय पर प्लेन से अंतिम रेडियो सिग्नल मिले थे. हादसे में मारे गए 16 छात्र और दो शिक्षक इसी जर्मन राज्य के एक स्कूल से थे.

आरआर/एमजे(एएफपी, रॉयटर्स)