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स्वास्थ्यउत्तरी अमेरिका

कोविड-19 टीका पर सहयोग नहीं करेगा अमेरिका

२ सितम्बर २०२०

अमेरिकी सरकार ने कोरोना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पहल कोवाक्स का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है. इसका मकसद दुनिया भर में लोगों को कोविड-19 का टीका उपलब्ध कराना है. इस पहल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई संस्थाएं शामिल हैं.

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USA Coronavirus Impfstoff-Test (picture-alliance/AP Photo/H. Pennink)
तस्वीर: H. Pennink/AP Photo/picture-alliance

वास्तव में अमेरिका की नाराजगी विश्व स्वास्थ्य संगठन से है. अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका बहुराष्ट्रीय परियोजनाओं से अपनी संभावनाओं को कम नहीं करेगा जो भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन के प्रभाव में चलाई जा रही हैं. कोवाक्स पहल को टीका के लिए बने गठबंधन गावी, सेपी और विश्व स्वास्थ्य संगठन चला रहे हैं.  गावी टीके का प्रसार करने वाली संस्था है जो विश्व के गरीब बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराती है. 2000 में गठित इस संस्था का लक्ष्य है जिंदगियां बचाना, गरीबी कम करना और विश्व को महामारियों से बचाना. सेपी ऐसा अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है जो महामारियों को रोकने के लिए टीकों का विकास करने में मदद देता है.

अमेरिका पिछले साल जुलाई में विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर निकल गया था. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जेनेवा में मुख्यालय वाले इस संगठन पर आरोप लगाया कि उसने बहुत देर से कोरोना महामारी के खतरे के बारे में सूचना दी. ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन की सरकार के नियंत्रण में है जबकि चीन इस संस्था को अमेरिका से कम योगदान देता है.

USA Washington Pressekonferenz Donald Trump
विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाराज ट्रंपतस्वीर: picture-alliance/CNP/S. Reynolds

अमेरिका फर्स्ट पर जोर

शुरुआत में राष्ट्रपति ट्रंप कोविड -19 को गंभीरता से नहीं ले रहे थे, लेकिन जब पीड़ितों की तादाद बढ़ने लगी तो उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को महामारी से मरने वाले लोगों की बड़ी संख्या के लिए जिम्मेदार ठहराया. अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता जड डेरी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस बात को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि हर नया टीका अमेरिकी संस्था एफडीए के मानकों का पालन करे, ठीक से टेस्ट किया हुआ हो और लोगों की जीवन की रक्षा करे.

दर्जनों देशों ने अब तक कोवाक्स पहल में शामिल होने की इच्छा जताई है. इस कार्यक्रम में अलग अलग जगहों पर विकसित हो रहे टीके शामिल हैं. जैसे ही कोई टीका प्रभावी और सुरक्षित साबित होता है, 2021 के अंत तक उसके दो अरब एम्प्यूल तैयार किए जाएंगे. इनकी मदद से विश्व भर में सभी देशों में पहले स्वास्थ्यकर्मियों और बुढ़ापे तथा पुरानी बीमारी के कारण जोखिम में पड़े लोगों को टीका दिया जाएगा. यह कार्यक्रम में शामिल देशों के नागरिकों का 20 प्रतिशत है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष में देशों के अकेले चलने की आलोचना की थी और सभी देशों से अपील की थी कि वे कोवाक्स कार्यक्रम में और ज्यादा अनुदान दें.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि इससे कोई मदद नहीं मिलेगी कि अपनी जनता को तो टीका लगा दिया जाए लेकिन दूसरे देशों के जरूरत मंद और स्वास्थ्यकर्मी असुरक्षित रहें. यूरोपीय संघ ने हाल ही में कोवाक्स पहल को 40 करोड़ यूरो की गारंटी के साथ मदद देने की घोषणा की थी.

वैक्सीन बनाने में कितना वक्त लगता है?

अंतिम चरण में हैं कुछ परीक्षण

इस समय दुनिया भर में कोविड-19 का टीका बनाने के कई परीक्षण चल रहे हैं. इनमें से कुछ का परीक्षण अब इंसानों पर किया जा रहा है और कुछ ने प्रभावी होने की सबसे बड़ी बाधा पार कर ली है. मंगलवार को अमेरिका के सलाहकारी पैनल ने टीका को अनुमति मिलते ही उसे शुरू में राशन करने के एक तरीके का सुझाव दिया है.

एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को बताया कि उसका टीका अमेरिका में अंतिम टेस्ट फेज में घुस गया है. इंगलैंड की कंपनी कैंब्रिज ने कहा है कि इस परीक्षण में अलग अलग जातीय और भौगोलिक समुदायों के 30,000 लोग शामिल होंगे.

इन गर्मियों में दो और संभावित टीकों ने अमेरिका में दसियों हजार लोगों पर अंतिम टेस्ट करना शुरू किया है. एक टीका नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हेल्थ ने बनाया है और उसका उत्पादन मोडर्ना कंपनी करेगी जबकि तीसरे टीके का विकास फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक कंपनी ने किया है. अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने कहा है कि वायरस का पता लगने के आठ महीने बाद एक टीके का ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंचना कमाल का है लेकिन उसी समय तीन का इस स्तर पर पहुंचना और दूसरों का उस राह पर होना अद्भुत है. अमेरिका के राष्ट्रीय हेल्थ इंस्टीट्यूट के प्रमुख फ्रांसिस कॉलिंस का कहना है कि उनकी एजेंसी कई टीके के ट्रायल का समर्थन कर रही है, क्योंकि  एक से ज्यादा की जरूरत होगी.

एमजे/एनआर (डीपीए, एपी)

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