1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कोलोन कांड से मैर्केल पर बढ़ता दबाव

१२ जनवरी २०१६

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल पर शरणार्थी नीति को सख्त करने का दबाव बढ़ता जा रहा है. कोलोन कांड पर पेश पहली विस्तृत जांच रिपोर्ट में युवा आप्रवासी पुरुषों को जर्मन युवतियों के साथ यौन दुर्व्यवहार का दोषी बताया गया.

https://p.dw.com/p/1Hc2r
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Woitas

नए साल के मौके पर कोलोन में हुए यौन दुर्व्यवहार पर एक ओर सरकार और राजनीतिज्ञों पर दबाव बढ़ रहा है तो दूसरी ओर विदेशियों को गुस्से का निशाना बनाया जा रहा है. कोलोन शहर की पुलिस के मुताबिक रविवार को हुए हमलों में पाकिस्तानी, सीरियाई और गिनी समेत कम से कम 11 विदेशी लोग घायल हुए. नए साल की पूर्व संध्या पर हुए सामूहिक यौन दुर्व्यवहार से नाराज हूलिगन ने उन पर हमला किया था. गृह मंत्री की अपील के बावजूद देश में चांसलर मैर्केल की शरणार्थी नीति को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है.

दक्षिणपंथी दल अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी ने इस अवसर का लाभ उठाकर मैर्केल की शरणर्थी नीति पर निशाना साधा है. यहां तक कि खुद मैर्केल की कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य भी लगातार जर्मनी पहुंचने वाले शरणार्थियों की बाढ़ को रोकने की मांग कर रहे हैं. मैर्केल की ही सीडीयू पार्टी के सदस्य कार्स्टेन लिनेमन ने कहा, "अगर लोगों का आना ऐसे ही जारी रहा तो समाज में विदेशियों के समेकन का काम नहीं हो पाएगा... अगर इस साल और आठ या दस लाख लोग आ जाते हैं तो हम ऐसा नहीं कर पाएंगे."

Deutschland, Gegendemonstration zu Legida
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Schmidt

सोमवार शाम चांसलर मैर्केल ने माना कि यूरोप पर चोट संभव है क्योंकि अभी तक स्थिति पर उतना नियंत्रण नहीं किया जा सका है जितना होना चाहिए. पूर्वी जर्मन शहर लाइपजिग में 2,000 से भी अधिक मुसलमान-विरोधी लेगीडा प्रदर्शक सड़क पर उतरे. उन्होंने "मैर्केल को जाना ही होगा!" जैसे नारे लगाए और एक बोर्ड पर मैर्केल को हिजाब पहने हुए दिखा कर उन्हें मुसलमान समर्थक बताया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वहां लगभग इतनी ही संख्या में इस गुट के विरोधी भी मौजूद थे.

अब तक मिली रिपोर्टों के अनुसार नए साल की पूर्व संध्या पर हुई घटनाओं पर कोलोन में कम से कम 516 आपराधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 237 यौन अपराधों से जुड़ी हैं. कम से कम 19 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जो कि विदेशी मूल के हैं. नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य के गृह मंत्री राल्फ येगर ने पुलिस की "गंभीर चूक" की बात मानी है. उन्होंने विशेष संसदीय आयोग को बताया, "1,000 से भी अधिक अरब और उत्तरी अफ्रीकी मूल के लोग उस दिन कोलोन कैथीड्रल और मुख्य स्टेशन के पास इकट्ठा हुए थे. उनमें पिछले महीनों के दौरान जर्मनी आए शरणार्थी भी थे."

जर्मन टीवी चैनल आरटीएल के लिए कराए गए एक सर्वे में पता चला है कि 60 फीसदी लोग कोलोन कांड के बाद भी विदेशियों के प्रति अपना रवैया नहीं बदलने वाले. वहीं करीब 37 फीसदी का मानना है कि वे अब विदेशियों को थोड़ा आलोचनात्मक नजरिए से देखेंगे. लाइपजिग रैली में शामिल लेगीडा प्रदर्शनकारी ओलाफ श्वेर्मर ने कहा कि अगर सीमाओं को बंद नहीं किया गया और प्रवासियों को निर्वासित नहीं किया गया तो "जो कोलोन में हुआ उससे पता चलता है कि आगे क्या होने वाला है."

कोलोन पुलिस फोर्स ने कोलोन कांड की जांच के लिए एक 100-सदस्यीय टीम बनाई है. ये टीम घटना से पहले सोशल मीडिया पर हुए संबंधित गतिविधियों पर भी ध्यान दे रही है. मैर्केल ने अब तक जर्मनी में आने वाले शरणार्थियों की संख्या पर कोई सीमा तय नहीं की है. हालांकि हाल के दिनों में उन्होंने आपराधिक प्रवासी तत्वों पर लगाम कसने के लिए कड़ा रुख अपनाने की बात कही है.

आरआर/एमजे (रॉयटर्स)