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कोरोना महामारी के बीच अब यास तूफान से बढ़ा आतंक

प्रभाकर मणि तिवारी
२४ मई २०२१

पिछले साल आए अम्फान के घाव अभी सूखे भी नहीं हैं कि पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के बीच अब चक्रवाती तूफान यास ने सुंदरबन इलाके के लोगों को एक बार फिर आतंकित कर दिया है. बीते साल आए तूफान में हजारों लोग बेघर हो गए थे.

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Zyklon Amphan trifft Indien und Bangladesch
तस्वीर: Reuters/R. De Chowdhuri

बीते साल आए अम्फान तूफान की तबाही झेलने वाले लोग अब यास तूफान के डर से अपना घर छोड़ कर शेल्टर होम में जाने लगे हैं. बीते साल के तूफान के नुकसान से सबक लेकर अबकी सरकार ने भी अपने स्तर पर इस प्राकृतिक आपदा से निपटने की पूरी तैयारी की है. बावजूद इसके इलाके के लोगों के मन में भरी आतंक है. इस तूफान के बुधवार यानी 26 मई की शाम को किसी समय ओडिशा के पारादीप और पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप के बीच तट से टकराने का अनुमान है.

लेकिन उसके पहले सोमवार से ही इसके असर से राजधानी कोलकाता समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में हल्की बारिश शुरू हो गई है. तैयारियों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के अलावा अंडमान निकोबार के उप राज्यपाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की है.

Indien Kalkutta Corona Lockdown Zyklon Amphan
अम्फान तूफान ने पिछले साल भारी तबाही मचाई थीतस्वीर: DW/P. Samanta

सुंदरबन का हाल

चक्रवाती तूफान यास की चेतावनी मिलने के बाद से ही सुंदरबन के रायदीघी में रहने वाले गोविंद और उनके जैसे हजारों लोगों के मन में भारी आतंक है. गोविंद कोलकाता में एक दुकान में काम करते थे. लेकिन कोरोना की वजह से बीते साल हुए लॉकडाउन के कारण जब नौकरी चली गई तो उन्होंने गांव लौट कर मछली पकड़ने का पुश्तैनी काम शुरू किया ताकि परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ हो सके. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और दो बच्चे हैं. बीते साल आए अम्फान तूफान में उनका कच्चा मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. गोविंद ने नदी से सटे अपने खेत में सब्जियों की खेती भी शुरू की थी. लेकिन अब यास तूफान की वजह से उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है. वह बताते हैं, "बीते साल अम्फान आने से पहले ही परिवार समेत एक शेल्टर होम में शरण ली थी. रात में तूफान ने मकान को पूरी तरह साफ कर दिया था.पता नहीं अब यह तूफान कितना कहर ढाएगा?"

रायदीघी ही नहीं, इलाके के काकद्वीप, नामखाना, सागर, पाथरप्रतिमा, कैनिंग और गोसोबा में भी यही परिस्थिति है. पाथरप्रतिमा के ब्रजबल्लभपुर इलाके के रहने वाले सुनील हाजरा रिक्शा वैन चला कर परिवार का पेट पालते हैं. उनका कच्चा मकान भी नदी के किनारे ही था. लेकिन अम्फान ने उसे बर्बाद कर दिया था. तूफान की वजह से टूटे बांध ने पूरे इलाके को पानी में डुबो दिया था. अब चार महीने पहले बहुत मुश्किल से उन्होंने दोबारा घर बनाया है. लेकिन यास तूफान ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं. वह कहते हैं, "न तो कोई रोजगार है और न ही जेब में पैसा. बीते साल तो किसी तरह जान बच गई थी. लेकिन इस बार क्या होगा, यह समझ में नहीं आ रहा है."

Indien Kolkata Schäden durch Zyklon Amphan
मछुआरों से समुद्र में न जाने को कहा गया हैतस्वीर: DW/Sudipta Bhowmick

यास तूफान

पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर शनिवार को कम दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदल रहा है. मौसम विभाग ने कहा है कि 26 मई को यह पश्चिम बंगाल व ओडिशा के उत्तरी क्षेत्र और बांग्लादेश की ओर मुड़ सकता है. कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने कहा है कि 26 मई की शाम तक यह तूफान दोनों राज्यों और पड़ोसी देशों के तटों को पार कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा के उत्तरी हिस्सों और बांग्लादेश के तट पर 26 मई की दोपहर हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है जो शाम तक डेढ़ सौ किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

सरकारी तैयारियां

इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात यास से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हालात का जायजा लेने के लिए पूरी रात खुद नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगी. राज्य सचिवालय नवान्न में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक  के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री रवाना कर दी गई है और अधिकारियों को तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने को कहा गया है. कोरोना के कारण राज्य सरकार शेल्टरों की तादाद बढ़ा रही है ताकि वहां भीड़ कम से कम हो. इससे संक्रमण का खतरा न्यूनतम होगा. यास की चपेट में आने वाले कोलकाता, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. सरकार ने मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने को कहा है. पहले से समुद्र में गए मछुआरे भी अब लौट आए हैं.

Indien Zyklon Amphan trifft Airport in Kolkata
जहाजों को भी चेन से बांधकर रखा जाएगातस्वीर: AFP

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में सभी तरह के कमांड सिस्टम और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को सक्रिय रखने के लिए कहा गया है. इसके अलावा नोडल अफसरों को नियुक्त कर उनकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजने के लिए भी कहा गया है. रेलवे ने एहतियात के तौर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लंबी दूरी की 74 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही तूफान के समय विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी ट्रेनों को चेन से बांधकर रखने का भी निर्णय लिया गया है ताकि कई हादसा नहीं हो.

कोलकाता एयरपोर्ट पर भी तमाम विमानों को भारी-भरकम चेन के साथ बांध कर रखा जाएगा. कोलकाता पुलिस के मुख्यालय लाल बाजार में सोमवार से ही एक यूनिफाइड कमांड सेंटर काम करने लगा है. मुख्यमंत्री ने तमाम संबंधित अधिकारियों को दवाओं, पेयजल, सूखे भोजन और तिरपाल का पर्याप्त स्टॉक जमा करने का निर्देश दिया है. प्रभावित होने वाले इलाकों में राज्य आपदा प्रबंधन बल और पुलिस बल के जवानों को भी बड़े पैमाने पर तैनात किया जा रहा है. इसके अलावा एनडीआरएफ की 32 टीमें उन इलाकों में तैनात कर दी गई हैं. इसके साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड और भारतीय वायु सेना को भी राहत व बचाव कार्य के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

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