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कोपर्डी गैंगरेप केस में दोषियों को मौत की सजा

२९ नवम्बर २०१७

महाराष्ट्र के कोपर्डी गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में अदालत ने दोषियों को मौत की सजा सुनायी है. जुलाई 2016 में यह मामला सामने आया था जिसने बाद में मराठा आंदोलन का रूप अख्तियार कर लिया.

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Indien Protest der Maratha in Mumbai
तस्वीर: Reuters/S. Andrade

महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले की निचली अदालत ने इस मामले में तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनायी है. मराठा समुदाय की 15 वर्षीय लड़की को 13 जुलाई 2016 की शाम को अगवा कर लिया गया था. उसका गैंगरेप किया गया और फिर हत्या कर दी गयी. महाराष्ट्र में इस घटना के खिलाफ काफी प्रदर्शन हुआ था जिसने बाद में मराठा आंदोलन का रूप अख्तियार कर लिया. मामले के तीनों दोषी जीतेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भवाल और नितिन गोपीनाथ भैलुमे दलित समुदाय से हैं.

आंदोलनकारियों की मांग थी कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को खत्म किया जाये. इसके पीछे तर्क दिया गया कि दलित समुदाय के लोग इस कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं जिसके बाद कानून में संशोधन की मांग भी उठी.

भारत में बलात्कार महिलाओं के खिलाफ होने वाले चौथा सबसे बड़ा अपराध है. अदालत के फैसले का टि्वटर पर राजनीतिक दलों से लेकर आम लोगों ने समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने अपने आधिकारिक टि्वटर एकाउंट से इस मामले पर ट्वीट किया है. 

लोगों ने इसे मराठा आंदोलन की जीत बताया है और पीड़ित परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है.

कुछ लोगों का मानना है कि मामले में न्याय हुआ है.