कॉमिक्स के पहले सुपर हीरो फैंटम के 75 साल
४ मार्च २०११स्पाइडरमैन ने मास्क लगाकर जालिमों से मुकाबला किया, लेकिन कॉमिक्स की दुनिया में यह पहला कैरेक्टर नहीं था, जिसने मास्क लगाकर अपनी पहचान छुपाई हो. सुपरमैन की पोशाक को दुनिया भर में तारीफ मिली, लेकिन ऐसा नहीं है कि आकर्षक पोशाक पहली बार सुपरमैन ने ही पहनी हो. इन सभी सुपरहीरोज ने अपराध के खात्मे का बीड़ा उठाया. इस तरह के कारनामे करने वाला पहला कैरेक्टर फैंटम था जो अब 75 साल का हो गया है. फैंटम के फैंस उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तैयारी में हैं.
फैंटम है आम
फैंटम और दूसरे सुपरहीरों में यह फर्क है कि फैंटम के पास कोई सुपर पावर नही है. वह एक आम आदमी की तरह है. 21वीं सदी का नया फैंटम भी बुराई के खिलाफ लड़ रहा है. वह अपने पिता के काम को आगे बढ़ा रहा है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि फैंटम मर नहीं सकता, क्योंकि वह अमर है. फैंटम के रचयिता थिएटर डॉयरेक्टर ली फॉक थे, जिनके लिए कॉमिक्स एक जुनून की तरह रही. पुराने समय में रॉबिनहुड और हरक्यूलस जैसे कैरेक्टर हुआ करते थे. फॉक ने कॉमिक्स के लिए इन कैरेक्टरों की कुछ खूबियां अपने चरित्र में डालीं. उसे मास्क के साथ स्किन टाइट पोशाक पहनाई और नाम दिया फैंटम. फैंटम का पहला संस्करण 17 फरवरी 1936 को निकला. वास्तव में फैंटम के रूप में ही पहली बार कोई कॉमिक्स सुपरहीरो अस्तित्व में आया. इसके बाद तो सुपरमैन, स्पाइडरमैन और बैटमैन जैसे कई सुपरहीरो आए.
कॉमिक्स की शैली
डोले वायनकाउफ ने सालों कॉमिक्स पढ़ते हुए बिताए हैं और वह मानते हैं कि यह एक कला है. वह कहते है, "कई लोगों के लिए कॉमिक्स सिर्फ सस्ते साहित्य की तरह है, लेकिन पिछले कुछ सालों में कॉमिक्स को पसंद करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. 75 साल पहले फैंटम ने सुपरहीरो की शैली स्थापित की और जंगल एडवेंचर के साथ कई रहस्यों से पर्दा उठाया. फैंटम के कारण कई लोगों में पढ़ने की आदत लगी."
फिजिक्स के एक प्रोफेसर ने कॉमिक्स की इस शैली का सूक्ष्मता से परीक्षण किया. वह कहते हैं, "यह संभव नहीं है कि एक इंसान प्रकाश की चाल से तेज दौड़ सकता है, लेकिन जरा सोचिए, अगर ऐसा होता तो क्या होता. वह बंदूक से निकली गोली को पकड़ लेता."
कॉमिक्स के दीवाने काकालिओस कहते हैं, "एक अच्छा इंसान चमत्कारी काम कर सकता है और यह धन या प्रसिद्धि पाने के लिए नहीं बल्कि न्याय के लिए है. इस तरह की कहानियां युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं."
आयरनमैन के रचयिता मैट फ्रैक्शन कॉमिक्स को एक कला मानते हैं. उन्होंने कहा, "लेखक कहानी कहता है और पाठकों को कल्पना की दुनिया में ले जाता है, यह कला की बात है." फ्रैक्शन मानते हैं कि अच्छी और बुरी दोनों तरह की कॉमिक्स होती हैं, लेकिन उनके मुताबिक यह भी सही है कि कॉमिक्स की शैली ही बकवास है.
फ्रैक्शन के अनुसार यूरोप के लोग तुलनात्मक रूप से कॉमिक्स पर ज्यादा तवज्जो देते हैं. वह कहते हैं, "अमेरिका में कॉमिक्स एक बार इस्तेमाल करने के लिए होती है, लेकिन फ्रांस, बेल्जियम और जर्मनी में लोग इस पर अधिक ध्यान देते हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/एस खान
संपादनः आभा एम