कैसे मनता है नया साल
दुनिया के अलग अलग हिस्सों में नया साल मनाने का अलग अलग तरीका है. लेकिन सबमें भावना एक ही है - नए साल का स्वागत. देखते हैं कुछ खास रस्में.
जर्मनी
दोस्तों के साथ फोंडू खाना. देगची जैसे बर्तन में खाने की चीजों को फ्राई किया जाता है और लोग मिल कर खाते हैं. इसके अलावा एक दूसरे से गले मिलते हैं. बर्लिन में जबरदस्त सार्वजनिक पार्टी होती है.
ब्राजील
नए साल की पूर्व संध्या पर लोग आम तौर पर रंगीन पोशाक नहीं पहनते हैं. वे सादे कपड़े पहनते हैं. शांति और शुद्धता का पैगाम सादे तरीके से दिया जाता है. ब्राजील में यह रस्म अफ्रीकी परंपरा का हिस्सा है, जो सागर की देवी येमांजा का दिन भी होता है.
स्पेन
घड़ी जैसे ही रात के 12 बजाती है, 12 अंगूर खाने की रिवायत है. मैड्रिड में इसके लिए आयोजित कार्यक्रम को पूरे देश में प्रसारित किया जाता है. हर अंगूर के साथ एक दुआ जुड़ी होती है. यह शुभकामनाओं का प्रतीक है. कुछ बुजुर्गों के लिए दिन के 12 बजे ही यह रस्म कर ली जाती है.
ऑस्ट्रेलिया
दुनिया सबसे पहले नया साल इस हिस्से में देखती है, जब सिडनी हार्बर पर रंगबिरंगी आतिशबाजी होती है. आस पास लोग रात में जश्न मनाते हैं और पार्टी करते हैं. पूरे विश्व में इस कार्यक्रम को टीवी पर लाइव दिखाया जाता है.
रूस
साल का आखिरी साल 10 दिनों के जश्न की शुरुआत का दिन होता है. नए साल पर लोगों को तोहफा देने की रस्म है. परिवार के लोग साथ बैठते हैं और खाना खाते हैं. राष्ट्रपति के संबोधन के साथ ही नए साल के जश्न की शुरुआत होती है. मॉस्को का रेड स्कैवर लोगों से भरा होता है.
ग्रेट ब्रिटेन
आम लोग तो आतिशबाजी नहीं करते लेकिन संगठित तौर पर आतिशबाजी जरूर होती है. सबसे ज्यादा लोग लंदन आई के पास जमा होते हैं. यहां रोशनी की जबरदस्त झांकी देखने को मिलती है.
बुल्गारिया
छोटे बच्चे घर घर जाकर लोगों की पीठ पर हल्के हल्के मारते हैं. कहते हैं कि इससे सेहत और समृद्धि आती है. बच्चे स्वास्थ्य, खुशी और धन वाले नए साल की दुआ करते हैं. बुल्गारिया में नए साल के मौके पर बुरी आत्माओं को भगाने का आयोजन भी होता है.
दक्षिण अफ्रीका
सड़कों पर निकल कर लोग अपनी खुशी का इजहार करते हैं. दो जनवरी को केपटाउन में कार्निवल के तौर पर भव्य झांकी निकलती है. यह परंपरा उस दिन से मनाई जा रही है, जब गुलामों को 1830 में आजाद किया गया था.
नीदरलैंड्स
यहां कार्बाइड शूटिंग के साथ नए साल का जश्न मनाया जाता है. सुबह 10 बजे शुरू होने वाला कार्यक्रम पूरे दिन चलता है. यहां भी बुरी आत्माओं को भगाने के लिए आयोजन होते हैं. दूध के जार में कार्बाइड और पानी मिलाया जाता है. इससे गैस बनती है और इसके असर से फुटबॉल 70 मीटर की दूरी तक जा सकती है.
जापान
नया साल आने से पहले जापान में घरों की साफ सफाई जरूरी है. रात के 12 बजे 108 बार घंटा बजाया जाता है. कई हिस्सों में पारंपरिक परिधान केमारी पहनी जाती है.
ग्रीस
आतिशबाजी और रंगीन कार्यक्रम यहां नहीं होते. आम तौर पर लोग परिवारों के साथ घर पर बैठते हैं और ताश खेलते हैं. माना जाता है कि जो इस दिन जीतेगा, वह पूरे साल जीतेगा. छह जनवरी को आस्था रखने वाले लोग ठंडे पानी में कूद कर क्रॉस पकड़ते हैं - बपतिस्मा की निशानी.