कैसी है केदारनाथ की गुफा जिसमें नरेंद्र मोदी ने ध्यान लगाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के लिए केदारनाथ पहुंचे. कठिन चुनाव कार्यक्रम के बावजूद केदारनाथ आने के लिए उन्होंने मीडिया को धन्यवाद दिया. गुफा में ध्यान लगाने से पहले फोटो भी खिंचवाए.
साधना के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड की दो दिन की यात्रा पर शनिवार को केदारनाथ पहुंचे. मोदी ने सबसे पहले बाबा केदारनाथ का अभिषेक-पूजन किया. पुरोहितों ने पूजा के बाद मोदी को रुद्राक्ष की माला पहनाई और बाघम्बर ओढ़ाया. इसके बाद मोदी ध्यान साधना के लिए एक गुफा में चले गए.
दो किलोमीटर की चढ़ाई
गुफा तक पहुंचने के लिए मोदी ने करीब दो किलोमीटर की चढ़ाई की. खबरों के मुताबिक उन्होंने इस गुफा में रातभर ध्यान साधना की. पीएम मोदी चौथी बार केदारनाथ पहुंचे हैं. 2017 में कपाट खुलने के मौके पर उन्होंने प्रथम भक्त के तौर पर बाबा केदार के दर्शन कर रुद्राभिषेक किया था.
सालों बाद
रिपोर्टों के अनुसार राजनीति की मुख्यधारा में आने से पूर्व नरेंद्र मोदी ने 5 साल एक वैरागी के रूप में जीवन बिताया था. 1985 से 1990 के बीच उन्होंने केदारनाथ के गरुड़चट्टी में साधना की थी. उसके बाद यह पहला मौका है जब मोदी ने केदारनाथ में ध्यान साधना की.
ऐसी है गुफा
जिस गुफा में पीएम मोदी ने ध्यान साधना की, उसका नाम रुद्र गुफा है. यह गुफा केदारनाथ मंदिर के बाईं ओर की पहाड़ी पर स्थित है. 5 मीटर लंबी और 3 मीटर चौड़ी इस गुफा को बनाने का निर्देश प्रधानमंत्री मोदी ने ही दिया था. इस गुफा को बनाने का काम अप्रैल में शुरू किया गया था.
लाखों का खर्च
गुफा को बनाने पर करीब साढ़े आठ लाख रुपये का खर्च हुआ था. 2013 में केदारनाथ में आई भीषण बाढ़ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस गुफा को बनाने आदेश दिए थे. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने रुद्र गुफा का निर्माण किया है. खबरों के अनुसार केदारनाथ में 5 गुफाओं का निर्माण होना है. गुफा को एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन दिन के लिए ही बुक करा सकता है.
पीएमओ भी
केदारनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र तल से 11,700 फुट है, जबकि मंदिर परिसर से डेढ़ किलोमीटर दूर बनी ध्यान गुफा की ऊंचाई करीब 12,250 फुट है. खबरों के अनुसार इस गुफा के पास मिनी पीएमओ बनाया गया है. गुफा के पास बने टेंट में अधिकारी भी पहुंचे हैं. जरूरी फाइलों और उपकरणों को भी मिनी पीएमओ में पहुंचाया गया है.
दुनियादारी से विरक्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विशेष रूप से बनाई गई गुफा के अंदर दुनियादारी से पूरी तरह से विरक्त हो गए थे. गुफा में बिजली, शौचालय, टेलीफोन आदि की सुविधा थी और सीसीटीवी कैमरा लगा था. उन्होंने कहा, "कोई कम्युनिकेशन नहीं था. बस एक छोटी सी खिड़की थी जिसके जरिए मैं मंदिर को देख सकता था."
दो दिन का आराम
मोदी ने चुनाव प्रचार से आराम के लिए हिमालय के पवित्र तीर्थस्थल का दौरा करने की अनुमति देने के लिए चुनाव आयोग का आभार जताया. उन्होंने कहा, "मुझे दो दिन का आराम मिला." रविवार को केदारनाथ के बाद उन्होंने उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ब्रदीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की.
पर्यटन को बढ़ावा
मोदी ने लोगों से सिंगापुर और दुबई जैसी जगहों के अलावा केदारनाथ और भारत के अन्य क्षेत्रों की यात्रा करने की भी अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान शिव का आशीर्वाद भारत के साथ-साथ दुनिया पर भी बना रहेगा. पत्रकारों से बात करते हुए मोदी ने कहा, "मैं भगवान से कुछ नहीं मांगता. मुझे लगता है कि भगवान ने हमें समाज को कुछ देने के लिए बनाया है."
आचार संहिता का उल्लंघन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा और उसके टीवी कवरेज पर सवाल भी उठ रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ मंदिर की यात्रा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. (रिपोर्ट: वेबदुनिया/आईएएनएस)