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बच्चन से शरीफ तक, पनामा लीक की लिस्ट

५ अप्रैल २०१६

पनामा पेपर्स लीक के जरिये सामने आए गोपनीय दस्तावेजों ने दुनियाभर की कई राजनीतिक और मशहूर हस्तियों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. मोसैक फॉन्सेका के गोपनीय दस्तावेजों के सामने आने को अब तक का सबसे बड़ा लीक माना जा रहा है.

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Symbolbild Panama Papers - Daten-Leak Steuerflüchtlinge
तस्वीर: picture-alliance/maxppp/J. Pelaez

रविवार को यह मामला तब सामने आया जब मीडिया इंटरनेश्नल कंसॉर्टियम ऑफ ​इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म और कुछ अन्य मीडिया संगठनों ने मिलकर पनामा स्थित कानूनी सलाहकार फर्म मोसैक फॉन्सेका से लीक हुए तकरीबन एक करोड़ 15 लाख दस्तावेजों की महीनों तक की गई पड़ताल के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया. इसमें दुनियाभर की कई मशहूर ह​स्तियों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर इस फर्म की मदद से टैक्स चोरी करते हुए नई कंपनियां गठित कर 'टैक्स ​हेवन' देशों में अपना पैसा जमा करवाया है.

इस जांच में तकरीबन 140 राजनीतिज्ञों के नाम भी आए हैं जिसमें से 12 राजनीतिज्ञ अलग अलग देशों के पूर्व या मौजूदा प्रमुख हैं. इन राजनीतिज्ञों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, आइसलेंड के प्रधानमंत्री डाविड गुनलॉगसन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको और सऊदी अरब के बादशाह का नाम भी शामिल है.

Infografik Mutmaßliche Inhaber von Briefkastenfirmen
जांच में तकरीबन 140 राजनीतिज्ञों के नाम भी सामने आए हैं

वहीं फ्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंडे ने दावा किया है कि फ्रांस के धुर दक्षिणपंथी नेता मारीन ले पेन ने भी आधिकारिक जांच और करों से बचने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया है.

इसके अलावा फुटबॉलर लियोनेल मेसी, अभिनेता जैकी चैन के साथ ही बॉलिवुड अभिनेता अ​मिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय के नाम भी शामिल हैं. भारतीय उद्योगपति केपी सिंह और अन्य क्षेत्रों से जुड़े भारत के 500 व्यक्तियों के नाम भी इस जांच में सामने आए हैं.

इन दस्तावजों में ऐसी दो लाख 14 हजार कंपनियों के नाम सामने आए हैं. भारत समेत स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे पश्चिमी देशों ने भी इस जांच में सामने आए नामों की पड़ताल करने की बात कही है. उधर एक कानूनी स्रोत के हवाले से खबर है कि स्पेन ने इस कानूनी सलाहकार फर्म मोसैक फॉन्सेका पर मनी लांड्री जांच गठित कर दी है. पनामा ने भी कहा है वह भी इस वित्तीय अपराध पर अपनी ओर से जांच गठित करेगा.

ये दस्तावेज सबसे पहले एक जर्मन दैनिक अखबार जुडडॉयचे साइटुंग के हाथ लगे थे. अखबार ने मंगलवार को एक और जानकारी सार्वजनिक करते हुए कहा है कि कम से कम 28 जर्मन बैंकों ने भी मोसैक फॉन्सेका कंसल्टेंसी का इस्तेमाल किया था. दूसरी तरफ मोसैक फॉन्सेका ने भी इस विवाद पर अपना पक्ष रखा है. फर्म ने कहा है कि उसने अपने ग्राहकों के लिए 'कई किस्म की वाजिब वजहों' से ऑफशोर कंपनियां बनाई और उस पर कभी भी किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप नहीं लगे हैं.

वहीं आइसलैंड की राजधानी रेकयाविक में हजारों की संख्या में लोगों ने पनामा पेपर्स लीक में नाम आने पर प्रधानमंत्री के इस्तेफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. मोसेक फोंसेका पहले ही जर्मनी और ब्राजील में भारी मात्रा में मनी लांड्रिंग करने के आरोपों को झेल रही है.

आरजे/आईबी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)