किन देशों को पड़ रही है मौसम की मार
बॉन में चल रहे जलवायु सम्मेलन के दौरान जर्मनी की गैरलाभकारी संस्था जर्मनवॉच ने ग्लोबल क्लाइमेट इंडेक्स, 2018 जारी किया. यह ऐसे देशों की सूची है जहां जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक रहा.
हैती
रिपोर्ट के मुताबिक हैती की अर्थव्यवस्था सितंबर 2016 के मैथ्यू और निकोल चक्रवात के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है.
जिम्बाब्वे
अल नीनो जैसी मौसमी दशाओं के चलते देश में सूखा पड़ा जिसके चलते कृषि को खासा नुकसान हुआ.
3. फिजी
सम्मलेन की अध्यक्षता कर रहे फिजी की अर्थव्यवस्था को भी जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगतना पड़ा. चक्रवात विंस्टन के चलते यहां काफी तबाही मची
श्रीलंका
बीते साल मई के रोआनू तूफान ने देश की तटीय क्षेत्रों को बहुत अधिक प्रभावित किया. जिसके चलते बड़े हिस्से सूखाग्रस्त भी रहे
वियतनाम
वियतनाम में साल 2016 में सूखा पड़ा, जिसे पिछले 100 सालों का सबसे भयंकर सूखा कहा गया.
भारत
भारत में 2 हजार लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते मारे गये. साथ ही दक्षिणी भारत में चेन्नई के निकट आये चक्रवात वर्धा ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया.
ताइवान
ताइवान में जोरदार ठंड के चलते 85 लोगों की मौत हो गयी. साल 2016 में इस क्षेत्र में यहां 6 टायफून आये थे.
रिपब्लिक ऑफ मैसेडोनिया
साल 2016 के दौरान मैसेडोनिया में तापमान -20 डिग्री तक कम हो गया. यहां बाढ़ ने भी काफी लोगों को प्रभावित किया.
बोल्विया
साल 2016 में बोलिविया की राजधानी ला पेज में जबरदस्त सूखा पड़ा. साथ ही भूस्खलन ने लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित किया.
अमेरिका
अमेरिका के उत्तरी और दक्षिणी कैरोलाइना में बाढ़ और तूफान में कई जानें गयी. पिछले कुछ समय से अमेरिका में जलवायु परिवर्तन का असर सीधे तौर पर नजर आ रहा है.