कितने मामलों में फंसे हैं माल्या
2016 में भारत छोड़कर गये कारोबारी विजय माल्या को स्कॉटलैंड पुलिस ने 18 अप्रैल 2017 को लंदन में गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया जहां से माल्या को महज तीन घंटे बाद जमानत मिल गई.
माल्या पर आरोप
राष्ट्रीयकृत बैंकों के 9000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाये बिना माल्या 2 मार्च 2016 को भारत से भाग कर ब्रिटेन चले गये थे. इसके बाद सरकार ने माल्या के पासपोर्ट को रद्द कर दिया और ब्रिटेन सरकार से माल्या को भारत डिपोर्ट करने का आग्रह किया. इसके पहले जनवरी 2017 को सीबीआई कोर्ट ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण चूक मामले में माल्या के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया.
इरादतन चूककर्ता
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस और शराब कंपनी यूनाइटेड ब्रूअरीज को तकरीबन 9 हजार करोड़ का कर्ज दिया था. लेकिन लंबे समय तक कर्ज अदायगी न किये जाने के चलते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक ने माल्या को इरादतन चूककर्ता घोषित कर दिया.
ईडी की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साल 2015 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर माल्या के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ईडी ने माल्या पर मनी लॉड्रिंग समेत विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम के प्रावधानों के तहत विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया.
सीबीआई मामले
सीबीआई ने जुलाई 2015 में माल्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई का आरोप है माल्या की कंपनी को दिया गया ऋण उचित ऋण सीमा से अधिक और नियमों का उल्लंघन करते हुए दिया गया था. सरकारी विभाग गंभीर अपराध जांच कार्यालय (एसआईएफओ) भी किंगफिशर एयरलांइस की वित्तीय अनियमताओं की जांच कर रहा है.
सीएजी का अनुमान
सीबीआई, ईडी के अतिरिक्त आयकर विभाग, ईपीएफओ भी किंगफिशर से जुड़े मामलों की जांच कर रहे हैं. नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के अनुमान के मुताबिक किंगफिशर एयरलाइंस ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 290 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है.
सिर्फ माल्या ही जिम्मेदार?
किंगफिशर ने अपनी सेवायें अक्टूबर 2012 में बंद की थी. आलोचकों के मुताबिक जब भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गैर निष्पादित आस्तियों के सफाये को लेकर राष्ट्रीयकृत बैंकों पर दबाव बनाया गया तब माल्या के कर्ज के मामले सामने आये लेकिन इस मामले में जांच देर से शुरू की गई और तब तक माल्या देश से भागने में सफल रहे.