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कालिस के कमाल से द. अफ्रीका के 362 रन

३ जनवरी २०११

केपटाउन टेस्ट के दूसरा दिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जाक कालिस के नाम रहा. कालिस स्ट्राइक अपने पास रखते हुए अपनी टीम को 362 रन तक खींच ले गए. पुछल्लों के साथ उन्होंने 83 रन की साझेदारी निभाई और अपना शतक बनाया.

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तस्वीर: AP

पहले दिन के स्कोर चार विकेट पर 232 रन से आगे खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका के लिए सुबह का सत्र कष्टदायक रहा. ज्याक कालिस और एशवेल प्रिंस की जोड़ी ने दूसरे दिन 30 रन जोड़े कि विकेट पतन का सिलसिला शुरू हो गया. तीन ओवर के बाद टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नई गेंद ले ली और श्रीसंत को थमा दी. केरल एक्सप्रेस ने नई गेंद मिलते ही विकेट गिराने का श्रीगणेश कर दिया. उन्होंने 47 रन पर खेल रहे प्रिंस को क्लीन बोल्ड कर दिया. गुड लेंथ बॉल ऑफ स्टंप पर टप्पा खाते हुए इन स्विंग हुई और प्रिंस के बल्ले और पैड्स के बीच बने सुराख से गिल्लियां उड़ा गई.

अगली ही गेंद पर मार्क बाउचर श्री का शिकार बने. वह खाता भी नहीं खोल सके. सीरीज में रनों के लिए तरस रहे बाउचर आउट स्विंग की खूबसूरती में फंसे और धोनी ने उन्हें लपक लिया. दूसरे छोर पर खड़े कालिस बस लाचारगी से अपने साथियों को विदा होते देखते रहे. इसके बाद डेल स्टेन क्रीज पर आए और जहीर की बाउंसर के आगे आत्मसमर्पण कर गए. विकेट गिरते देख कालिस और मोर्केल ने श्रीसंत को काबू में करने की कोशिश जरूर की. कालिस खूबसूरती से तो मोर्केल ताबड़तोड़ ढंग से श्री को पीटने लगे. 88वें ओवर में मोर्केल को एक जीवनदान के साथ चौका मिला. लेकिन इसकी खुशी दो गेंदों बाद ही खत्म हो गई. श्रीसंत ने उनका विकेट गिराकर भारत को आठवीं सफलता दिलाई.

लेकिन इसके बाद कालिस पुछल्लों के साथ मिलकर भारतीय खेमे को झल्ला गए. आखिरी बल्लेबाज के साथ उन्होंने 52 रन जोड़ डाले. इस तरह दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में कुल 362 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया. कालिस ने 161 रन बनाए और उनका विकेट बिलकुल आखिर में गिरा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल