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कार्ड से नहीं मोबाइल से भुगतान

१६ सितम्बर २०१४

वह दिन दूर नहीं जब बैंक के चेक की तरह प्लास्टिक के क्रेडिट और डेबिट कार्ड भी खत्म हो जाएंगे. एप्पल के नए एप्पल पे विकल्प के साथ आने वाले समय में कार्ड के बिना सिर्फ मोबाइल टच के जरिए बिल भुगतान की तैयारी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

एप्पल पे बिल का भुगतान करने का एक डिजिटल सिस्टम है. इस तकनीक के जरिए ग्राहक पैसों के भुगतान के लिए कार्ड की जगह अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं. एप्पल के इस कदम में खुदरा कंपनियां, बड़े बड़े बैंक और कार्ड देने वाली वीसा, मास्टरकार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी कंपनियां भी साथ दे रही हैं.

हालांकि इस तरह की भुगतान की सेवाएं कोई नई नहीं हैं. मैकडोनाल्ड, स्टारबक्स, पे-पाल और गूगल जैसी कंपनियों ने यह विकल्प अपने ग्राहकों को दे रखे हैं, लेकिन उसके इस्तेमाल करने वाले बहुत कम हैं. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि जिस तरह की एप्पल की सुरक्षा सेवाएं हैं और जितने ज्यादा इसके यूजर हैं, इसे ध्यान में रखते हुए हम बहुत जल्द डिजिटल वॉलेट को पूरी तरह अपना सकते हैं.

'सिटि' बैंक की इनवेस्टमेंट रिसर्च टीम के मार्क मे का अंदाजा है कि 2013 में जहां एक अरब डॉलर का भुगतान मोबाइल से हुआ वहीं 2017 तक यह 58.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इससे भविष्य में खरीदारी करने की सूरत बदल जाएगी. पेमेंट काउंटर पर बस अपने फोन को टच कराइए और अपने नए जूते साथ में लेकर निकलिए.

हालांकि वॉलेट पे के लिए अमेरिका की कई बड़ी खुदरा कंपनियां अब तक तैयार नहीं हैं. करीब दो लाख बीस हजार स्टोर एप्पल पे को अपनाने जा रहे हैं. लेकिन राष्ट्रीय खुदरा संघ के मुताबिक यह कुल 36 लाख दुकानों में से लगभग 5.5 फीसदी हिस्सा ही है. एप्पल पे के लिए वॉल मार्ट और बेस्ट बाय जैसी बड़ी कंपनियों ने एप्पल से हाथ नहीं मिलाया है. इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि कंपनियों को इसके लिए नए उपकरण लगाने होंगे. ये मशीनें संचार तकनीक पर निर्भर होंगी जिन पर सैकड़ों डॉलर का खर्चा आएगा. इसके अलावा कर्मचारियों की ट्रेनिंग करनी पड़ेगी. अभी तक इस सिस्टम की मांग भी ग्राहकों के बीच कम है. लेकिन मार्केट रिसर्च कंपनी गार्टनर की विश्लेषक अवीवाह लितान के मुताबिक एप्पल के इस दिशा में कदम बढ़ाने के बाद माहौल बदल सकता है.

उन्होंने कहा, "इस बारे में कोई शक नहीं कि युवा पीढ़ी भुगतान के लिए फोन का इस्तेमाल करना चाहती है. लेकिन उनके पास ऐसी जगहें भी होनी चाहिए जहां वे ऐसे भुगतान कर सकें." लितान के मुताबकि बड़ी कंपनियां अब यह देखेंगी कि एप्पल किस खूबी से यह काम करता है. वह मानती हैं कि बहुत जल्द वॉलमार्ट जैसी कंपनियों की जिद टूट जाएगी और वे इस तकनीक को अपना लेंगी.

एसएफ/एएम (एपी)