काम से छुट्टी लो और बच्चा संभालो
३० जून २०१०हिरोयुकी ओजिनी ऐसे ही एक बाप हैं जो टेलिकॉम में अपनी नौकरी से एक महीने की छुट्टी लेकर बच्चे की देखरेख में जुटे हैं. नौकरी का खतरा होने के बावजूद जापान में ऐसे लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. दरअसल ऐसा करने वालों को नौकरी जाने के साथ ही तरक्की रूकने और साथी कर्मचारियों के गुस्से का भी सामना करने पड़ता है.
बच्चों को संभालने के लिए महज 1 फीसदी कामकाजी बाप ही काम से छुट्टी लेते हैं. किसी भी विकसित देश की तुलना में बच्चों के साथ वक्त बिताने वाले पिता जापान में सबसे कम हैं. शुक्र है देश में जन्मदर बढ़ाने के लिए अपनाई गई सरकार की नीति का, कि इसमें इजाफा हो रहा है. कामकाजी बाप छुट्टियां लेकर बच्चों के साथ वक्त बिता रहे हैं. सरकार ने कामकाजी बापों के लिए काम के घंटे बदल दिए हैं. कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि 3 साल से कम उम्र के बच्चों के पिता केवल छह घंटे ही काम करेंगे. इतना ही नहीं, कई मामलों में उन्हें ओवरटाइम से भी छुट्टी दे दी गई है. जापान के श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि लोग काम और बच्चों के बीच संतुलन बिठा सकें इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं. सरकार ने इसके लिए एक नई वेबसाइट भी शुरू की है.
मंत्रालय के मुताबिक एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि कम से कम एक तिहाई लोग ऐसे हैं तो बच्चों के जन्म पर पितृत्व अवकाश लेना चाहते हैं. हालांकि अभी भी ऐसे लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है जो काम के पीछे अपने बच्चों और घर को तवज्जो नहीं देते. सरकार ने उम्मीद लगाई थी कि वो कम से कम 13 फीसदी कामकाजी बापों को बच्चों के लिए छुट्टी लेने के लिए तैयार कर लेंगे. हालांकि सारी कोशिशें इस आंकड़े को 2.3 फीसदी से ऊपर नहीं बढ़ा पाईं.
दरअसल अभी भी लोग इन छुट्टियों को नौकरी के लिए नुकसानदेह मानते हैं. इसकी वजह से साथी कर्मचारियों के साथ उनके रिश्ते खराब होने का भी डर उन्हें सताता है. हालांकि लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है. कई ऐसे संगठन भी खड़े हो गए हैं जो लोगों की सोच बदलने में मददगार साबित हो रहे हैं. फादरिंग जापान भी ऐसा ही एक संगठन है. संगठन का कहना है कि अगर कोई पुरुष कर्मचारी बच्चे की देखरेख करने के लिए छुट्टी मांगता है तो उसके साथ वाले कर्मचारी नौकरी के लिए उसकी योग्यता पर शक करने लगते है. यही वजह है कि लोग बच्चों के नाम पर कुछ घंटों की छुट्टी लेने से भी डरते हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि सरकार को लोगों को समझाने में कितनी मुश्किलें आ रही होंगी.
हाल ही में शादियों के लिए जोड़े बनाने वाली एक वेबसाइट ने लडकियों से पूछा कि वो अपने भावी जीवनसाथी में किस चीज को सबसे ज्यादा तवज्जो देंगी. करीब 88 फीसदी लड़कियों ने इसके जवाब में लिखा कि वो घर और बच्चा संभालने में मदद करने वाले पतियों को चुनना चाहेंगी. बदलाव यहां भी दिखने लगा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः एम गोपालकृष्णन