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कानून और नैतिकता का चक्रव्यूह

फोल्कर वाग्नर/एमजे१९ दिसम्बर २०१४

कभी जर्मनी के प्रमुख सांसद रहे सेबाश्टियान एडाथी ने बाल पोर्नोग्राफिक तस्वीरों के डाउनलोड के लिए माफी मांगी है. उन्होंने कहा है कि यह गलत था, लेकिन गैरकानूनी नहीं. फोल्कर वाग्नर इसे बचाव का भोंडा प्रयास बताते हैं.

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तस्वीर: Reuters/Fabrizio Bensch

यह 45 वर्षीय सेबाश्टियान एडाथी की कहानी है. एक साल पहले वे सोशल डोमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीद थे. संसद के गृहनैतिक आयोग के प्रमुख और एनएसयू जांच आयोग के अध्यक्ष, जाने माने राजनीतिज्ञ. साल के शुरू में उनका तेजी से पतन शुरू हो गया. अपने संसद वाले लैपटॉप से एडाथी ने बाल पोर्नोग्राफिक तस्वीरें और वीडियो डाउनलोड किए, सात बार. मामला राजनीतिक कांड बन गया. एक सांसद का व्यभिचारी होना, ये नैतिक मौत की सजा जैसा था. सही भी है. उनकी इंटरनेट गतिविधियां कानूनी तौर पर सीमाई इलाके में थी, यह मामले को आसान नहीं बनाती. और यही एडाथी की दलील भी है. उन्होंने गलत जरूर किया लेकिन कानून के खिलाफ कुछ नहीं किया. मामले की गंभीरता को कम करने की बेतुकी कोशिश.

और फिर मामले का एक राजनैतिक आयाम भी है. किस किस को इसकी जानकारी थी, किसने सूचना दी, क्या गोपनीयता का हनन हुआ. इसकी वजह से तत्कालीन गृह मंत्री हंस-पेटर फ्रीडरिष को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के प्रमुख नेताओं पर एडाथी के बारे में अपनी जानकारी के साथ राजनीति करने का आरोप है. राजनीति का गंदा खेल.

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फोल्कर वाग्नरतस्वीर: DW

नैतिक सवाल

यह बात एडाथी के पक्ष में नहीं जाती कि उन्होंने एक साल तक झूठ का सहारा लिया और मामले का महत्व नकारने की कोशिश की. इसे जिम्मेदारी का आंशिक अहसास कहा जाता है. सिर्फ उतना स्वीकार करो जितनी जरूरत है. अब जबकि तथ्यों को झुठलाया नहीं जा सकता, वे स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने लोगों को निराश किया.

इसके बावजूद वे अपनी आंशिक स्वीकारोक्ति में समझने और माफ करने की इंसान की क्षमता को असह्य सीमा तक ले जा रहे हैं. इसके साथ कि वे नेट पर बच्चों के साथ अपने व्यवहार को कानून सम्मत बता रहे हैं. क्या उन्हें पता है कि किन परिस्थितियों में इन बच्चों को इंटरनेट में नंगा दिखाया जा रहा है? यह इंसान बच्चों के शरीर और आत्मा के साथ वर्चुअल बलात्कार से ज्यादा अपने करियर के तबाह होने पर परेशान है.

आपराधिक सवाल

ठीक इसलिए मामले के आपराधिक आयाम पर उनकी दलील दिलचस्प है. एडाथी ने कहा कि डाउनलोड कानून सम्मत थे और इसके लिए उन्होंने जर्मन आपराधिक कार्यालय बीकेए के आकलन का सहारा लिया है. फिर माफी मांगने में एक साल की देरी क्यों, जिसकी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी. एडाथी नाउम्मीदी की हालत में नैतिकता और कानून के बीच आपातकालीन रास्ता खोज रहे हैं. इंसानी तौर पर समझने लायक प्रतिक्रिया, लेकिन चालचलन के हिसाब से निंदनीय.

दूसरों ने भी कुछ गलत किया है. एसपीडी का नेतृत्व, बीकेए के पूर्व प्रमुख योर्ग सियर्के, तत्कालीन गृह मंत्री हंस-पेटर फ्रीडरिष. उन्हें मामले का पता चलने से पहले बहुत कुछ मालूम था और उन्होंन एडाथी को बचाने की कोशिश की. एडाथी की वजह से नहीं बल्कि पार्टी को नुकसान से बचाने के लिए. एडाथी कांड एक साल पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा था. हालांकि एसपीडी के कई नेताओं पर गोपनीय जानकारी एडाथी और दूसरों को देने का संदेह है, सीएसयू को गृह मंत्री की बलि देनी पड़ी. कंजरवेटिव इसे अभी भी भूले नहीं हैं. मामला खत्म नहीं हुआ है.