कांच का पुल और झूलता कैफे
जॉर्जिया में बना यह पुल किसी अजूबे से कम नहीं. रोमांच और उसके आगे डर की इंतहा तक ले जाने वाला यह अनुभव इस यूरोपीय देश को पर्यटन के नक्शे पर बड़ा कर देता है.
पैरों तले जमीन नहीं
यह पूरा पुल शीशे का बना है. देशबाशी घाटी के ऊपर एक सिरे को दूसरे से जोड़ते इस पुल के ऊपर से गुजरना हवा में चलने जैसा ही अहसास देता है.
240 मीटर लंबा
इस पुल की लंबाई है 240 मीटर जो घाटी का विहंगम नजारा लेने के लिए भरपूर दूरी और समय उपलब्ध कराती है.
छह करोड़ डॉलर का खर्च
इस पुल को बनाने में छह करोड़ डॉलर यानी लगभग 46 अरब रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं. इस पुल को एक नई जॉर्जियन कंपनी कास लैंड ने बनाया है. कास लैंड को इस्राएली निवेश से स्थापित किया गया था.
जिप लाइन के साथ
पुल पर एक जिप-लाइन यानी एक से दूसरे सिरे को सहारे के लिए रस्सी भी लगी है. जाहिर है, कुछ लोगों को तो सहारे की जरूरत होगी.
तीन साल का वक्त
इस पुल की घोषणा मई 2019 में हुई थी और तब उम्मीद थी कि यह एक साल में पूरा हो जाएगा लेकिन कोविड और अन्य वजहों से काम टलता रहा औऱ इसे पूरा होने में तीन साल लग गए.
हीरे के आकार वाला झूलता रेस्तरां
पुल के बीचोबीच एक झूलता हुआ रेस्तरां भी है ताकि आप नजरों के साथ पेट को भी आनंद दे सकें. निर्माण कंपनी की जनरल मैनेजर एकातेरीन तोर्डिया का कहना है कि इस कैफे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भेजा जाएगा क्योंकि यह झूलता हुआ सबसे ऊंचा रेस्तरां है.
परंपरा और आधुनिकताओं का संगम
इस पुल का उद्घाटन करते हुए जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली गारीबाशविली ने कहा कि यह पुल इस बात की मिसाल है कि कैसे अपनी विरासत को सहेजते हुए हम आधुनिक विश्व स्तरीय विकास कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे इलाके में पर्यटन बढ़ेगा.