कहां कहां चल रहा है कोविड-19 की वैक्सीन पर काम
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोविड-19 से बचाव के लिए 150 से भी ज्यादा वैक्सीनों की जांच चल रही है. इनमें से 17 इंसानों पर परीक्षण के चरण में हैं. आइए जानते हैं कहां कहां चल रहे हैं वैक्सीन बनाने के अहम प्रयास.
ऐस्ट्राजेनेका
ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी ऐस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर एक वैक्सीन पर काम कर रही है. बताया जा रहा रहा है कि यह वैक्सीन प्रीक्लिनिकल और उसके बाद के तीन चरणों में इंसानों में किए जाने वाले परीक्षण में पहला चरण पार कर चुकी है और दो अलग-अलग स्थानों पर इसे लेकर दूसरे और तीसरे चरण में परीक्षण चल रहे हैं. अगर सब ठीक रहा तो इस प्रोजेक्ट से आपातकाल वैक्सीन अक्तूबर में आ सकती है.
मॉडर्ना
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन परीक्षण के दूसरे चरण में है और जुलाई में तीसरे चरण में प्रवेश कर सकती है. इसे लेकर जांच में कम लोगों को शामिल करना जैसे कुछ विवाद भी रहे हैं, फिर भी परीक्षण निर्विरोध चल रहे हैं. कंपनी को उम्मीद है कि 2021 के शुरूआती महीनों में टीका आ जाएगा.
बायोऐंटेक और फाइजर
जर्मन कंपनी बायोऐंटेक, अमेरिकी कंपनी फाइजर और चीनी कंपनी फोसुन फार्मा ने इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए हाथ मिलाया है. इसके परीक्षण भी दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं. कंपनियों को उम्मीद है कि टीका अक्तूबर तक उपलब्ध हो जाना चाहिए.
इम्पीरियल कॉलेज, लंदन
लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में भी शोधकर्ता एक वैक्सीन पर काम कर रहे हैं जिसके उत्पादन के लिए उन्होंने मॉर्निंगसाइड वेंचर्स से और वितरण के लिए वैक एक्विटी ग्लोबल हेल्थ नाम की कंपनी के साथ हाथ मिलाया है. इसके भी दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण शुरू हो चुके हैं.
एंजेस
जापानी कंपनी एंजेस ओसाका विश्वविद्यालय और एक और कंपनी तकारा बायो के साथ मिलकर एक वैक्सीन पर तीसरे चरण के परीक्षण कर रही है.
नोवावैक्स
एक और अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स भी वैक्सीन पर काम कर रही है और इसके कुछ स्थानों पर तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं. एक अंतरराष्ट्रीय पहल के तहत इस प्रोजेक्ट में 38.4 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है.
वुहान इंस्टिट्यूट
वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म मिल कर इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं. इसके तीसरे चरण के परीक्षण शुरू होने वाले हैं.
चाइनीज अकैडमी
चाइनीज अकैडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल बायोलॉजी में भी एक वैक्सीन पर दूसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं. इंस्टिट्यूट को पोलियो और हेपेटाइटिस ए की वैक्सीन के आविष्कार के लिए जाना जाता है.
सिनोवैक
चीन की निजी कंपनी सिनोवैक बायोटेक चीन और ब्राजील में एक वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण कर रही है. कंपनी हर साल 10 करोड़ डोज उत्पादन के लिए एक फैक्टरी भी बना रही है.
भारत बायोटेक, जाइडस कैडिला
भारतीय कंपनी भारत बायोटेक को सरकारी इंस्टीट्यूट आईसीएमआर के साथ मिल कर कोवैक्सिन नाम की वैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण की अनुमति मिल गई है. भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला को भी उसकी वैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल गई है.