कश्मीर में तीन युवकों की मौत के बाद फिर तनाव
३१ जुलाई २०१०शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के सोपोर शहर में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. ये लोग प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. एक व्यक्ति की मौत पट्टन में फायरिंग के चलते हुए. पिछले दो महीने से जम्मू कश्मीर में स्थिति बेहद गंभीर और तनावपूर्ण बनी हुई है. पिछले हफ्ते भर में थोड़ी शांति बनी थी लेकिन इसी बीच शुक्रवार को यह घटना हो गई.
चश्मदीदों के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा है कि श्रीनगर से करीब 50 किलोमीटर दूर सोपोर जिले में लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने गोलियां चला दीं, दोनों लोगों ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया.
भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि जम्मू कश्मीर की स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि वह घाटी के सभी विचारधारा के लोगों के साथ मिल कर बातचीत करने को तैयार हैं. कश्मीर घाटी का एक हिस्सा भारत से अलग होना चाहता है.
जुलाई महीने की रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए चिदंबरम ने कहा, "पहले दिन से ही मैंने सभी पक्षों के साथ एक शांत वार्ता की बात कही है. ऐसी बातचीत जिसमें सभी पक्ष आएं, सभी ग्रुप आएं और सभी राजनीतिक पार्टियां भी. मैं इसके लिए अलग अलग ग्रुपों और पार्टियों के नेताओं से मिल भी रहा हूं." लेकिन उन्होंने माना कि इस प्रक्रिया में कई रुकावटें आ रही हैं और वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं.
भारत के गृह मंत्री ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी से मिलने से हिचकिचा रहे हैं. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कह चुके हैं कि वह सभी पक्षों से बातचीत के लिए तैयार हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई पार्टी भी बातचीत में रोड़े अटका रही है, तो चिदंबरम ने कहा, "संभव है."
चिदंबरम ने पिछले साल एलान किया था कि वह कश्मीर के सभी ग्रुपों के साथ बैठक करेंगे और इस दिशा में उन्होंने मीरवाइज उमर फारुक वाले गुट के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस से तीन दौर की बातचीत भी की. लेकिन इस साल फारुक उल हक नाम के नेता की हत्या के बाद उमर फारुक बातचीत से अलग हो गए.
भारत के गृह मंत्री का दावा है कि कश्मीर घाटी का बहुत सा हिस्सा सामान्य या लगभग सामान्य है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा