कर्मचारियों पर दिन रात नजर रखने वाला पट्टा
१६ जनवरी २०१७गले में लॉकेट की तरह लटकायी जाने वाली इन डिवाइस को "सोशियोमैट्रिक बैंडेज" कहा जा रहा है. एक बैंक समेत चार बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को यह ट्रैकिंग डिवाइस दी है. ब्रिटेन में यह सरकारी स्वास्थ सेवा NHS के साथ मिलकर किया जा रहा है. ट्रैकिंग डिवाइस ह्यूमैनीजे कंपनी ने बनाई है.
एटीएम कार्ड जितनी बड़ी इस मशीन में एक माइक्रोफोन लगा है जो बातचीत के लहजे, रफ्तार और वॉल्यूम को दर्ज करेगा. क्या कहा जा रहा यह रिकॉर्ड नहीं होगा. लेकिन बात करने के अंदाज से पता चलेगा कि ट्रैकिंग डिवाइस पहनने वाले शख्स का मूड कैसा है और वह क्या कर रहा है. उदाहरण के लिए गुस्से में लहजा अलग होगा, रात को सोते समय बिस्तर में आवाज अलग होगी. आवाज के विश्लेषण से तनाव, शांति या खुशी का अंदाजा लगाया जा सकेगा. मशीन धड़कन के आंकड़े भी जुटाएगी.
कंपनी के सीईओ बेन वेबर ने ब्रिटेन के अखबार द टाइम्स से कहा कि मशीन "यह देखेगी कि आपने कितनी बात की, किससे बात की, बातचीत में आपका लहजा कैसा था, एक्टिविटी लेवल क्या था और कितनी बार आपने दखल दिया."
वेबर के मुताबिक सुबह अच्छे से पता चल सकेगा कि लोग कैसे संवाद कर रहे हैं, उनकी और उनके आस पास मौजूद लोगों की मनोदशा कैसी है. इसके आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कितनी कुशलता से काम कर पाएंगे. वेबर को उम्मीद है कि उनकी मशीन उत्पादकता बढ़ाने में कंपनियों की मदद करेगी.
लेकिन क्या यह निजता का हनन नहीं है? इस सवाल के जवाब में वेबर कहते हैं कि कंपनियां हर कर्मचारी का डाटा नहीं देख पाएंगी. कर्मचारी की पहचान सुरक्षित रखी जाएगी और जानकारी को डाटा के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.
ओंकार सिंह जनौटी