करियर बदलो, कामयाब रहो
२५ जुलाई २०१४भगत ने 2004 में अपनी पहली किताब फाइव प्वाइंट समवन रात रात भर जाग कर लिखी थी. उस वक्त दिन में वह बैंक में काम करते थे. किताब कैसी हिट हुई, बताने की जरूरत नहीं. इसके पांच किताब और 10 साल बाद उन्होंने बैंक का काम पूरी तरह बंद कर दिया. हल्के फुल्के अंदाज में लिखने वाले भगत को लाखों भारतीयों ने खूब पसंद किया.
उनकी चार किताबों पर फिल्में बन चुकी हैं. लेकिन ताजा फिल्म किक में उन्होंने खुद स्क्रिप्ट लिखी है. सलमान खान से सजी यह फिल्म उनकी किसी किताब पर आधारित नहीं है. चेतन भगत कहते हैं कि दोनों बिलकुल अलग चीजें हैं, "स्क्रिप्ट लिखने में ज्यादा सलाह लेने की जरूरत पड़ती है. जब मैं किताब लिखता हूं, तो कहानी को वैसे घुमा देता हूं, जैसा मैं खुद चाहता हूं." उनका कहना है कि किसी किताब में मतभेद भी हो सकता है लेकिन फिल्म की कहानी में बहुत टाइट होने की जरूरत पड़ती है.
उनकी किताबों में अब तक छात्रों, कॉल सेंटर में काम करने वाले युवाओं और दूसरे मिडिल क्लास लोगों की जिंदगी दिखती रही है. हालांकि साहित्य जगत उनके लिखने के तरीके पर सवाल भी उठाता रहा है. कुछ लोगों को यह भी आपत्ति है कि इंग्लिश उनकी पहली भाषा नहीं है. फिर भी शिक्षा व्यवस्था में कमी और इंटरकास्ट मैरिज से जुड़ी कहानियों पर लिखी गई उनकी किताबों की 70 लाख कॉपियां बिक चुकी हैं.
भारत के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से पढ़े भगत को भारत का युवा आदर्श के तौर पर भी देखने लगा है. हालांकि खुद उन्हें भी पता नहीं है कि उनकी कामयाबी का राज क्या है, "जैसा दूसरों से बात करके मुझे लगता है कि मेरी भाषा बहुत आसान है, हंसी मजाक है, भारतीय समाज से मेरी कहानियां जुड़ी हुई हैं, टाइट प्लॉट है और किरदार ऐसे हैं कि पाठक उनसे अपना जुड़ाव देखता है." हालांकि वह खुद को भाग्यशाली भी मानते हैं कि उन्होंने ऐसे समय लिखना शुरू किया, जब इसकी जरूरत थी.
भगत की किताब फाइव प्वाइंट समवन पर आमिर खान की 3 इडियट्स काफी हिट रही थी. ताजा फिल्म किक 2009 के तेलुगु फिल्म का रीमेक है. लेकिन कहानी नए तरीके से लिखी गई है. चेतन भगत कहते हैं कि फिल्म में सलमान खान हैं और उन्हें इसका दबाव खूब पता था, "सलमान के लाखों फैन हैं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना था. वे अपने हीरो को महान शख्सियत के तौर पर देखते हैं और किक में उन्हें ऐसे ही दिखाया गया है."
अब वह अपनी अगली किताब पर ध्यान देना चाहते हैं, जो गांव और शहर के बीच की प्रेम कथा होगी और फिर जिस पर फिल्म भी बनेगी.
एजेए/एमजी (एएफपी)