कबाड़ से निकले सुपरहीरो
थाइलैंड के आंन थॉन्ग में एक वर्कशॉप में जादू जैसा कुछ होता है. इसके अंदर जाता है कबाड़ और बाहर निकलता है सुपरहीरो. यकीन ना आये तो खुद देखिए.
रोबोट घर
बीच में खड़ा है स्टॉर्मट्रूपर और अगल बगल में दो एलियन गार्ड. इस "हाउस ऑफ स्टील रोबोट्स" जैसे कई लौह चरित्र थाई राजधानी बैंकॉक से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित वर्कशॉप में मिलते हैं.
बस से भी बड़े
15 साल से भी लंबे समय से यहां कबाड़ हो चुकी कारों के पार्ट्स निकाल कर उनसे कॉमिक्स, साइंस फिक्शन किताबों और फिल्मों और पॉप कल्चर के लोकप्रिय किरदार गढ़े जाते हैं.
हल्क के साथ कसरत
हरा विशालकाय 'हल्क' निस्संदेह मार्वेल कॉमिक्स का सबसे लोकप्रिय किरदार है. यहां कबाड़ से बना हल्क वर्जिश कर अपनी मांसपेशियां मजबूत करता दिखता है. इसका 90 फीसदी शरीर कबाड़ से रिसाइकिल किया गया है.
माइकल की किंवदंती
पॉप सम्राट माइकल जैक्सन के जादू से यह वर्कशॉप कैसे अछूती रहती. काल्पनिक चरित्रों के बीच हाड़ मांस के एक असली इंसान एमजे का शिल्प भी है, जो अपने मशहूर गाने "मूनवॉक" के कॉस्ट्यूम में दिखाये गये हैं. बगल में है खड़ा है ट्रांसफॉर्मर.
हर बच्चे का सपना
इस अनोखे वर्कशॉप की स्थापना करने वाले पाइरोज थानोमवॉन्ग का बचपन से सपना था कि काश कभी वे टीवी और फिल्मों में दिखने वाले अपने पसंदीदा एक्शन हीरो के मॉडल इकट्ठे कर पाते. तब उनके पास केवल प्लास्टिक के कुछ छोटे मॉडल थे.
बुद्ध भी दूर नहीं
यहां आसपास के कई मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे लोगों को पास में ही ऐसे विशालकाय पुतले भी दिख जाते हैं. जब बड़े मंदिर के भीतर जाते हैं तो कई बच्चे बाहर खड़े इन्हें निहारते हैं. कई रेस्तरां भी इन्हें बाहर सजाते हैं.
महंगी है कला
यहां वर्कशॉप के अलावा संग्रहालय और एक शोरूप भी है, जहां से इन नमूनों को खरीदा जा सकता है. जितना श्रम और समय इन मॉडलों को बनाने में लगता है, उसी के हिसाब से इनकी कीमत बढ़ती जाती है. कुछ तो कई हजार डॉलर में बिकते हैं. (रोडियॉन एबिगहाउजेन/आरपी)