"कतर वर्ल्ड कप पर फिर हो वोटिंग"
५ जून २०१४पेरिस में खेल अखबार लेक्वीपे से बातचीत करते हुए यूएफा अध्यक्ष प्लाटिनी ने कहा, "अगर भ्रष्टाचार साबित हो जाता है तो नए वोट की जरूरत होगी और प्रतिबंधों की भी."
इसी हफ्ते ब्रिटेन के अखबार ने दावा किया कि वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी पाने के लिए कतर के एक अधिकारी ने रिश्वत का सहारा लिया. संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष मुहम्मद बिन हम्माम ने 2010 से पहले कुछ छोटे देशों को 50 लाख डॉलर की मदद की, जिन्होंने दावेदारी में कतर की मदद की.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (फीफा) मामले की जांच कर रहा है. वोटिंग 2010 में हुई थी. इंटरव्यू में प्लाटिनी ने माना कि उन्होंने वोटिंग के दौरान कतर के पक्ष में वोट डाला. वो अब भी कह रहे हैं, कतर "फीफा और फुटबॉल वर्ल्ड कप के लिए कतर सही विकल्प था."
मीडिया रिपोर्टों में प्लाटिनी की भूमिका पर भी संदेह किया जा रहा है. लंदन के अखबार डेली टेलीग्राफ के मुताबिक 2010 की वोटिंग से पहले प्लाटिनी भी बिन हम्माम से मिले थे. बिन हम्माम को फीफा ने 2012 में बर्खास्त कर दिया था. तब भी उन पर वोट खरीदने और धांधलियों के आरोप लगे थे.
बिन हम्माम से मुलाकात के बारे में प्लाटिनी ने फ्रांसीसी अखबार से कहा, फीफा के सदस्य के तौर पर सुबह नाश्ता करते वक्त वो मिले. मीडिया रिपोर्टों पर नाराजगी जताते हुए फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा, "अब मैं पढ़ रहा हूं कि प्लाटिनी भ्रष्ट हैं? सभी अखबारों में, न्यूज एजेंसियों में और ब्लॉगों में. ईमानदारी से कहूं तो इससे दुख होता है."
प्लाटिनी के मुताबिक फीफा सदस्य होने के तौर पर लोग हजारों बार अपने सहयोगियों से मिलते हैं. इस दौरान चाय पानी भी पीते हैं और खाना भी खाते हैं. ऐसी मुलाकातों को गुप्त मीटिंग कहना गलत होगा.
प्लाटिनी और फीफा अध्यक्ष जेप ब्लाटर के मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं. यूरोप में फुटबॉल का खेल 27 अरब डॉलर से ज्यादा रकम पैदा करता है. इस लिहाज से प्लाटिनी बेहद ताकतवर हस्ती हैं. साल भर से ऐसी चर्चाएं हैं कि प्लाटिनी फीफा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ब्लाटर इससे नाखुश हैं. फ्रांसीसी अखबार ने जब प्लाटिनी से यह सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला अगस्त में सार्वजनिक किया जाएगा.
ओएसजे/एजेए (एपी)