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सैटेलाइट नहीं, नारियल का सहारा

१४ मार्च २०१४

मलेशिया के लापता विमान को ढूंढने में एक ओर तो दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक लगी है वहीं दूसरी ओर अंधविश्वास भी चल रहा है. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर प्लेन ढूंढने के लिए ओझा बुलाए गए.

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तस्वीर: picture alliance/AP Photo

सोशल मीडिया नेटवर्क पर इब्राहीम मत जिन के क्वालालंपुर एयरपोर्ट पर पहुंच तक तांत्रिक क्रियाएं करने की भारी आलोचना हो रही है. उधर मलेशिया के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, "हम हर मदद का स्वागत करते हैं." अखबार के मुताबिक इस अधिकारी की सिर्फ एक ही चिंता थी कि इस तरह की क्रियाएं इस्लाम से जुड़ी होनी चाहिए.

जहां लापता हवाई जहाज को ढूंढने की हर कोशिश विफल हो रही है वहीं "चुड़ैलों का ये डॉक्टर" बोमान क्वालालंपुर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नारियल और झाड़ फूंक के सामान के साथ पहुंचा और तांत्रिक क्रियाएं शुरू कर दीं. ब्लॉग, ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर इस विच डॉक्टर की बहुत चर्चा है. कोई उसे मलेशियाई लोगों को मूर्ख साबित करने वाला बता रहा है तो कोई कह रहा है कि लोग नहीं जानते कि बोमाह है कौन.

उधर लापता विमान के साथ गुम हुए लोगों के परिजन परेशान हैं. अपनी बहन को इस विमान पर चढ़ा कर लौटे एक व्यक्ति हैरिस को कोई उम्मीद नहीं है कि प्लेन बचा होगा. वो कहते हैं, "मैं बस प्रार्थना करता हूं कि सब जल्दी और बिना दर्द के हो गया होगा. बहन अपने तीन दोस्तों के साथ बीजिंग जाने को उतावली थी. उसने कहा था कि वह चीन से मेरे लिए सुंदर तोहफा लाएगी. अब तो मेरी बस यही इच्छा है कि प्लेन या उसका कोई भी हिस्सा कहीं मिल जाए बस."

वहीं 29 साल के इंजीनियर के पिता खैरुल अमरिल सलामत कहते हैं, "हम भाग्य को स्वीकार करते हैं." लोगों की दुआ और प्रार्थना के बीच विमान की तलाश करते करते हफ्ता भर बीत चुका है. चीन, अमेरिका, भारत सहित 12 देशों की सेनाएं और तकनीक विमान को ढूंढने में लगी हैं. लेकिन विमान का कुछ अता पता नहीं.

रिपोर्टः आभा मोंढे (डीपीए)

संपादनः अनवर जे अशरफ