ऑस्ट्रेलिया के पहले दिन 5 विकेट पर 224 रन
२ अक्टूबर २०१०वॉटसन ने रिकी पोंटिंग के साथ 141 रनों की साझेदारी की. पोंटिंग 71 रन बनाकर आउट हुए. जहीर खान ने पहले दिन शानदार गेंदबाजी की. उन्होने सिमोन काटिच को 6 रनों पर, मार्कस नॉर्थ को बिना खाता खोले, और माइक हसी को 17 रनों के निजी स्कोर पर पवेलियन भेजा और ऑस्ट्रेलिया की गति धीमी की.
वॉटसन ने कहा, "मैं जानता था कि मैच के शुरुआती घंटे बहुत अहम होंगे. मेरे लिए रिवर्स स्विंग या स्पिन गेंद की बजाए नई बॉल को खेलना आसान था. भारतीय गेंदबाजों ने बहुत अच्छी गेंदे फेंकी और स्पिनर्स ने मारने का मौका नहीं दिया."
पंजाब के मोहाली स्टेडियम की पिच बाउंस नहीं करती. वॉटसन और पोंटिंग ने पहले दिन ऑस्ट्रेलिया को संभाला और तेजी से रन बनाए. लंच के बाद तक दोनों की तूफानी साझेदारी चलती रही. फिर सुरेश रैना ने पोंटिंग को क्लीन बोल्ड किया. इसी दौरान जहीर और पवेलियन लौटते पोंटिंग की कहासुनी हुई.
पोंटिंग के बाद मैदान पर माइकल क्लार्क आए जिन्हें 14 रनों के निजी स्कोर पर राहुल द्रविड़ ने लपक लिया. क्लार्क का विकेट हरभजन सिंह को मिला.
टीम इंडिया की खराब फील्डिंग के कारण वॉटसन दूसरी टेस्ट सेंचुरी बनाने में कामयाब रहे.
शुरुआती ओवर में वीरेन्द्र सहवाग ने वॉटसन का कैच छोड़ा. इसके बाद उन्हें 37 रनों पर एक और जीवनदान मिला जब विकेट पर खड़े महेन्द्र सिंह धोनी उनका कैच नहीं ले सके.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एन रंजन