ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुश्किल में भारत
४ अक्टूबर २०१०मेहमान टीम को दूसरी पारी में 200 रन के अंदर आउट करने के बाद लगने लगा जैसे भारत आसानी से यह मैच जीत सकता है. खास कर मजबूत बल्लेबाजी क्रम को लेकर भरोसा ज्यादा बन गया. लेकिन हुआ इसका उलटा. टीम इंडिया की दूसरी पारी बेहद खराब ढंग से शुरू हुई और बाद में भी नहीं संभल पाई.
गौतम गंभीर बिना कोई रन बनाए दूसरी पारी में आउट हो गए. उस वक्त भारत का भी कोई रन नहीं बना था. उसके बाद राहुल द्रविड़ और तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने रन जोड़ने की कोशिश की पर 31 रन बनते बनते द्रविड़ भी बल्ला लटका चुके थे.
सहवाग अपने सहज अंदाज में नहीं खेल रहे थे और लग रहा था, मानो उन पर किसी चीज का दबाव है. 23 गेंदों में सिर्फ 17 रन बनाने के बाद सहवाग और नहीं टिक पाए. वीरू के जाते ही भारतीय खेमे में सन्नाटा पसर गया. अपने पहले टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले सुरेश रैना से भी उम्मीद फौरन खत्म हो गई, जब वह बिना कोई रन बनाए चलते बने. हिलफेनहाउस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी पारी में तीन विकेट लिए.
भारतीय टीम की अब पूरी उम्मीद मौजूदा वक्त के सबसे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से है, जो 10 रन बना कर क्रीज पर टिके हुए हैं. दूसरी तरफ जहीर खान बल्लेबाजी कर रहे हैं, जिन्हें नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजा गया है. जहीर ने पांच रन बनाए हैं.
अब सबकी नजरें पांचवें और आखिरी दिन के खेल पर टिकी हैं. भारत को जीत के लिए कुल 216 रन की जरूरत है और उसे आखिरी दिन के खेल में 161 रन और बनाने हैं. जाहिर है कि पांचवें दिन का दबाव और ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी के आगे भारत के बल्लेबाजों के बहुत संभल कर खेलना है. पूरे दिन में 90 ओवर के खेल में 161 रन बनाना बड़ी बात नहीं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए तो सिर्फ छह विकेटों की ही जरूरत है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार