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एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी

१५ मई २०१०

सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन की देखरेख में गुजरात दंगों की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. एसआईटी टीम मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछताछ कर चुकी है.

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गुजरात दंगों पर रिपोर्टतस्वीर: AP

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ एसआईटी ने ऐसे सबूत पेश किए हैं जिससे राज्य सरकार की भूमिका संदेह के घेरे में आती है. इनमें कथित रूप से दंगों के दौरान टेलीफ़ोन कॉल्स के रिकॉर्ड भी हैं. कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की विधवा जकिया जाफ़री की शिकायत की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 27 अप्रैल को एसआईटी को तीन महीने की समयसीमा दी थी. लेकिन इस जांच की समयसीमा बार बार बढ़ाई जाती रही. एसआईटी ने समयसीमा समाप्त होने से एक दिन पहले रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी.

Indien Gewalt Gericht 2002 2010
मोदी से एसआईटी की पूछताछतस्वीर: AP

जांच के दौरान एसआईटी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, विश्व हिंदू परिषद नेता प्रवीण तोगड़िया और कई पुलिस अधिकारियों से पूछताछ के अलावा रिकॉर्ड को भी जांचा परखा. गुजरात दंगों में कथित भूमिका की जांच के सिलसिले में पहली बार नरेंद्र मोदी से पूछताछ की गई. मोदी भारत के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनसे पद पर रहते हुए आपराधिक आरोपों में पूछताछ की गई. 59 साल के नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में गुजरात में दंगे भड़काए, जिसमें 1,000 से ज्यादा लोगों की जान गई.

अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में भड़के दंगों में कांग्रेस के सांसद एहसान जाफ़री सहित 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी जकिया जाफरी ने अपनी शिकायत में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं सहित कुल 63 लोगों पर आरोप लगाए हैं. जकिया जाफ़री का आरोप है कि मोदी की दंगों को भड़काने में भूमिका थी.

2002 में भड़के इन दंगों में 1,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दंगों से जुड़े 10 अन्य संवेदनशील मामलों में जांच को अविश्वसनीय और लचर बताया है. इसके चलते इन मामलों की जांच भी अब एसआईटी ने अपने हाथ में ले ली है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा